नई दिल्ली, । दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कथित तौर पर अपने निजी सहायक देवेंद्र शर्मा के नाम से प्राप्त एक सिम कार्ड का उपयोग कर एक व्हाट्सएप खाता बनाया था, जो जांच से संबंधित घटनाक्रम से अवगत एक सूत्र है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में गुरुवार को यह बात कही। सूत्र ने कहा कि सिसोदिया केवल व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर रहे थे, जबकि शर्मा नियमित सेल फोन नंबर का इस्तेमाल कर रहे थे।
सूत्र ने कहा, यह सिम दूसरे सेल फोन में डाला गया था, जो शर्मा के कब्जे में था। बाद में शर्मा ने ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) को सिसोदिया के साथ साझा किया हो सकता है, ताकि वह इसे अपने व्हाट्सएप नंबर के रूप में इस्तेमाल कर सकें। सिसोदिया के सेल फोन पर व्हाट्सएप रि-इंस्टॉल करने के लिए ओटीपी को कई बार इस्तेमाल किया गया था। यह 23 जुलाई से शुरू हुआ, जिस दिन दिल्ली एल-जी ने सीबीआई से शराब मामले को देखने का अनुरोध किया था।
सूत्र ने बताया कि इससे सवाल उठता है कि सिसोदिया व्हाट्सएप अकाउंट बनाने के लिए अपने पीए के सिम कार्ड का इस्तेमाल क्यों करेंगे। व्हाट्सएप अकाउंट बनाने के लिए किसी और के सेल फोन नंबर के इस्तेमाल के बारे में पूछताछ के दौरान सिसोदिया टालमटोल करते रहे। सिसोदिया फिलहाल सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने हाल ही में अपनी जमानत अर्जी वापस ले ली थी।
ईडी ने इस मामले में अब तक चार चार्जशीट दायर की हैं – एक मुख्य चार्जशीट और तीन सप्लीमेंट्री चार्जशीट। ईडी का मामला सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी (प्रथम सूचना रिपोर्ट) पर आधारित है। एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी मामले की आगे की जांच कर रही है और उम्मीद है कि एक और चार्जशीट दाखिल करेगी।