EXIT POLL: महाराष्ट्र में महायुति की वापसी…झारखंड में कांटे की टक्कर, चुनावों से बदलेगा दिल्ली का सियासी माहौल

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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस वापसी की थी, लेकिन देश का सियासी माहौल काफी हद तक 2024 के तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव से तय होगा। जिसमें हालही में हुए हरियाणा भाजपा ने खिलाफ सियासी हवा के बावजूद शानदार वापसी की। वहीं अब महारष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की वोटिंग हो गई है। एग्जिट पोल चुनाव परिणाणों की भविष्यवाणी कर रहा है। एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में महायुति की वापसी बताई जा रही है, वहीं झारखंड में कांटे की टक्कर है।

गौरतलब है कि वर्ष 2025 के शुरुआती महीनों में राजधानी दिल्ली और बिहार जैसे महत्वपूर्ण राज्य में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में एग्जिट पोल की भविष्यवाणी से मामला अभी 50/50 लग रहा है। लेकिन यदि किसी भी राज्य में भाजपा वापसी करती है तो भाजपा हरियाणा के साथ 2 राज्यों में विधानसभा चुनाव जीत जाएगी। ऐसे NDA की लहर देश में बनी रहेगी। यदि दोनों राज्यों में INDIA गठबंधन सरकार बनाता है तो इसे विपक्ष की वापसी मानी जाएगी।

महाराष्ट्र एग्जिट पोल

1.मैटराइज के सर्वे में महायुति को 150 से 170 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं, महाविकास अघाड़ी के खाते में 110-130 सीटें जाने का अनुमान है। अन्य के हिस्से में 8-10 सीटें जाती हुई दिख रही हैं।

2.चाणक्य स्ट्रेटजीज के मुताबिक बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को 152-160 सीटें जबकि कांग्रेस गठबंधन को 130-138 सीटें मिल रहीं है।
पी-मार्क के सर्वे में भी महाराष्ट्र में महायुति को एक बार फिर सत्ता मिलती हुई दिखाई दे रही है। इस सर्वे में महायुति को 137-157 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि 126 से 146 सीटें मिलती हुई दिख रही हैं।

झारखंड एक्जिट पोल

1.बीजेपी प्लस को 42 से 47 सीट मिलती दिख रही है। वहीं जेएमएम लीड इंडिया ब्लॉक को 25 से 30 सीट दी है। दूसरे पार्टियों के खाते में 1-4 सीटें मिलती दिख रही है।

2.टाइम्स नाऊ जेवीसी ने बीजेपी को दिया है 40 से 44 सीट, JMM को 30 से 40 दिया है।
3.मैटराइज के सर्वे में बीजेपी प्लस को 42 से 47 सीट मिलती दिख रही है। वहीं जेएमएम लीड इंडिया ब्लॉक को 25 से 30 सीट दी है। दूसरे पार्टियों के खाते में 1-4 सीटें मिलती दिख रही है।

सियासत के दोराहे पर देश की जनता

गौरतलब है कि देश इस समय सियासत के दोराहे पर खड़ा जनता के मूड का इंतजार कर रहा है। कई मामलों में देश की राजनीतिक परिस्थितियां अलग होती हैं। 2 सियासी फ्रंट (INDIA-NDA) बनने के बाद लगभग सभी राजनीतिक दल किसी न किसी फ्रंट में शामिल हैं।

दिल्ली की सियासत पर भी पड़ेगा असर

ऐसे में कहा जा सकता है कि अब इंडिया बनाम एनडीए में लड़ाई है। अगले साल होने वाले दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी गतिविधियों पर अभी नजरें टिकी हुई हैं। दिल्ली में जहां पिछले करीब एक दशक से अरविंद केजरीवाल का जादू चल रहा है, लेकिन इस बार भाजपा और कांग्रेस वापसी के लिए जोर लगाएंगी।

बिहार का भी बदलेगा मूड

वहीं बिहार में पिछले पांच साल में राज्य ने काफी सियासी उलटफेर झेला है। करीब एक दशक से कोई भी पार्टी बहुमत हांसिल नहीं कर पाई है। बिहार में INDIA बनाम NDA की लड़ाई है। कई छोटी-छोटी पार्टियां भी चुनावों में अहम रोल अदा करती हैं, लेकिन मुख्य लड़ाई जदयू, भाजपा, लोजपा और राजद, कांग्रेस में है। उत्तर प्रदेश और बिहार देश की सियासत में अहम रोल निभाते हैं। ऐसे बिहार और राजधानी के चुनाव लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई है।

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