नई दिल्ली : किसानों द्वारा दिल्ली कूच के लिए किए गए आंदोलन को शुक्रवार शाम को स्थगित कर दिया गया। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने किसानों के जत्थे को वापस बुलाने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि सरकार हमारे साथ दुश्मनों जैसा व्यापार कर रही है. आंसू के गोले छोड़े जा रहे हैं. सरकार चाहे तो हमारी तलाशी ले ले. 5 से 6 किसान घायल हुए हैं, उनको अस्पताल भेजा गया है. स्थिति का मुआयना कर रहे हैं. शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “हमने ‘जत्था’ वापस लिया है, न कि मार्च (दिल्ली के लिए)। 6 किसान घायल हुए हैं।
बता दें कि शुक्रवार को 101 किसानों के एक जत्थे ने शंभू सीमा पर अपने विरोध स्थल से दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया, लेकिन उन्हें कई मीटर की दूरी पर बहुस्तरीय बैरिकेडिंग द्वारा रोक दिया गया था। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), कर्जमाफी और पेंशन जैसी मांगों को लेकर 13 फरवरी से धरना दे रहे थे ।
शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई, जब पुलिस ने किसानों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और केमिकल स्प्रे का इस्तेमाल किया। पुलिस की इस कार्रवाई से किसानों में हलचल मच गई और उन्होंने बचने के लिए गीले कपड़े अपने चेहरे पर बांध लिए।
पुलिस ने अपनी पूरी तैयारी की थी और मास्क तथा चश्मे पहनकर किसानों के खिलाफ कार्रवाई की। संघर्ष के दौरान पुलिस और किसानों के बीच तकरार लगातार बढ़ती रही, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। किसान अपने अधिकारों की रक्षा के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जबकि पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाए।
पिछले नौ महीने से पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने शुक्रवार को दिल्ली मार्च शुरू कर दिया। लगभग 101 किसानों ने शंभू बॉर्डर पर स्थित दो बैरिकेड्स पार कर अंबाला की ओर कूच किया। लेकिन हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री बलों ने तीसरे बैरिकेड पर उन्हें रोक दिया।