किसानों ने धरना प्रदर्शन जारी रखने का लिया निर्णय, यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट पर करेंगे बैठक

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नोएडा: नोएडा में दलित प्रेरणास्थल पर शांति भंग करने के लिए गिरफ्तार किए गए संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को पुलिस ने बुधवार शाम को रिहा कर दिया। जेल से रिहा होने के बाद प्रदर्शनकारी यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट पर आयोजित किसान पंचायत में शामिल हुए। इसमें किसानों ने धरना प्रदर्शन जारी रखने का निर्णय लिया। किसान नेता गुरुवार को सुबह फिर से यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट पर बैठक करेंगे। इसमें निर्णय लिया जाएगा की धरना कहीं और शुरू किया जाए या उसी जगह।

बता दें कि किसान नेता अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। पुलिस ने मंगलवार शाम को करीब 160 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था। हालांकि कई बुजुर्ग, महिलाओं और बीमार लोगों को जेल के गेट से मुचलके पर ही छोड़ दिया गया था। किसान नेता सुनील फौजी ने बताया कि नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दे रहे 160 से ज्यादा किसानों को मंगलवार को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से 123 किसानों को पुलिस ने गौतम बुद्ध नगर की लुक्सर जेल में भेज दिया था। कुछ किसानों को मुचलके पर छोड़ा गया था, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं।

किसान नेता सुनील फौजी ने बताया कि किसानों की गिरफ्तारी के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट पर महापंचायत बुलाई थी। हालांकि महापंचायत में भाग लेने के लिए मुजफ्फरनगर से निकले नरेश टिकैत को भौंवरा कला और राकेश टिकैत को अलीगढ़ के टप्पल में रोक दिया गया।

राकेश टिकैत की गैरमौजूदगी में उनके बेटे गौरव टिकैत ने महापंचायत को संबोधित किया। इस बीच राकेश टिकैत शाम को पुलिस को चकमा देकर पंचायत स्थल पर पहुंचने के लिए दौड़ते हुए यमुना एक्सप्रेसवे पर चढ़ गए। घटना से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें राकेश टिकैत को एक कैंटर पर चढ़ते हुए और उनके पीछे पुलिसकर्मियों को दौड़ते हुए देखा जा सकता है।

हालांकि, पुलिस वालों ने कैंटर रुकवा कर राकेश टिकैत दोबारा से रोक लिया। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने गिरफ्तार किए गए सभी किसानों को रिहा कर दिया है जिनमें सुखबीर खलीफा, पवन खटाना, डॉ. रुपेश वर्मा, सुनील फौजी, सुभाष चौधरी, विकास, जतन, बॉबी नागर ,अमन ठाकुर आदि शामिल हैं।

किसान नेताओं की जेल से रिहाई के बाद उनके महापंचायत में पहुंचते ही वहां बैठे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गयी। महापंचायत में शामिल होने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हापुड़, गाजियाबाद, शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर और मेरठ से बड़ी संख्या में किसान अपने-अपने निजी वाहनों और ट्रैक्टर-ट्रॉली से पहुंचे। मौजूदा वक्त में महापंचायत स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।

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