चंडीगढ़ । हरियाणा-पंजाब (Haryana-Punjab) के बॉर्डर शंभू (Shambhu Border) व खनौरी में बैठे किसानों (Farmers) की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से गठित कमेटी के साथ शुक्रवार को बैठक नहीं हो पाई। किसान संगठनों के सदस्यों के बैठक में आने से मना करने पर इसे पहले स्थगित किया गया, लेकिन बाद में रद्द कर दिया गया। कमेटी ने भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां को चार जनवरी को बैठक के लिए आमंत्रित किया। अब उगराहा से जुड़े किसानों ने भी इनकार कर दिया।
बैठक में शामिल नहीं होने पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी से बातचीत के लिए हम लोग नहीं जाएंगे। यह पहले ही साफ किया जा चुका है कि यह मामला अदालतों का नहीं है। हमारी मांग केंद्र सरकार से है। केंद्र सरकार हमसे बातचीत करे। दूसरी ओर, खनौरी में किसानों की शनिवार को बड़ी किसान महापंचायत होगी। इसमें पंजाब और हरियाणा समेत दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में पहुंचेंगे। 39 दिन से आमरण अनशन कर रहे डल्लेवाल महापंचायत में किसानों को संदेश देंगे। महापंचायत से एक दिन पहले उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर लोगों से खनौरी पहुंचने की अपील की है। कहा, मेरा सबसे निवेदन है कि मैं चार जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर आप सबको देखना चाहता हूं। गाैरतलब है कि शीर्ष कोर्ट की तरफ से गठित कमेटी इस मामले में अपनी एक अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंप चुकी है। अंतिम रिपोर्ट दाखिल करना अभी बाकी है।
दो लाख किसानों के जुटने का दावा
किसान नेताओं अभिमन्यु कोहाड़ व काका सिंह कोटड़ा ने बताया कि जहां मोर्चे की पहली ट्रॉली (पंजाब की तरफ से) एवं आखिरी ट्राॅली (हरियाणा की तरफ से) है, वहां पर स्टेज बनाया जा रहा है। उसी स्टेज से डल्लेवाल किसानों को संबोधित करेंगे। दावा किया कि सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक होने वाली इस महापंचायत में देशभर से करीब 2 लाख किसान मोर्चे पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल या दोनों मोर्चों की तरफ से कोई भी पीआईएल सुप्रीम कोर्ट में दाखिल नहीं की गई। वहीं, डॉक्टरों ने बताया कि डल्लेवाल जब भी पैरों पर खड़े होने का प्रयास करते हैं तो उनका बीपी कम हो जाता है। उन्हें मंच पर ले जाते समय सारे मेडिकल एहतियात बरते जाएंगे।
डल्लेवाल का इलाज कराने से फिर इनकार, मेडिकल टीमें तैनात
पंजाब सरकार के निर्देश पर शुक्रवार को एसएसपी डॉ. नानक सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम ने डल्लेवाल से मुलाकात की। उनसे उचित इलाज कराने की अपील की, लेकिन सरकार की इस अपील को किसान नेता व उनके साथियों ने सिरे से ठुकरा दिया। डॉक्टरों ने डल्लेवाल की जांच की और उनके ब्लड सैंपल भी लिए गए। डल्लेवाल कैंसर के मरीज हैं। भूखा रहने के कारण वह अपनी दवाएं भी नहीं ले पा रहे हैं, जिस वजह से उन्हें काफी परेशानी हो रही है। लिवर व किडनी के टेस्ट लगातार खराब आ रहे हैं। अगर डल्लेवाल जल्द अनशन समाप्त भी करते हैं, तो वह कभी भी रिकवर नहीं कर सकेंगे।