लखनऊ: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में रेलवे की नौकरी से सेवानिवृत्त हुए अब्दुल जमील अब श्रवण कुमार के नाम से जाने जाएंगे। अब्दुल ने गुरुवार को इस्लाम त्यागते हुए हिन्दू धर्म स्वीकार कर लिया। शहर के पटेल नगर स्थित हनुमान मंदिर में उन्होंने आचार्यो के उपस्थिति और मंत्रोच्चारण के बीच विधि विधान से दीक्षा ली। इस दौरान उन्होंने बताया कि शुरू से उनकी आस्था सनातन धर्म में रही है। उनके पूर्वज भी राजपूत थे। हालांकि, अब्दुल को इस फैसले के लिए अपने स्वजनों का विरोध भी झेलना पड़ा।
अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के प्रांतीय महामंत्री मनोज त्रिवेदी ने जानकारी दी है कि 65 वर्षीय अब्दुल जमील ने फतेहपुर में रेलवे में मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक के पद पर कार्य किया। अब वे रिटायर हो गए हैं। यह हाथरस, सादाबाद के मूल निवासी हैं। वर्तमान में यह शहर के देवीगंज में रहते हैं। इन्होंने सनातन धर्म स्वीकारने की मंशा जताई, तो हनुमान मंदिर में पूजा पाठ के साथ आचार्य पंडित राम लला मिश्रा ने इन्हें दीक्षा दिलाई। अब इनका नाम श्रवण कुमार है। अब्दुल जमील ने बताया कि उनकी तीन बेटियां एवं एक बेटा है। हिन्दू धर्म अपनाने की बात का परिजनों ने जमकर विरोध किया, मगर सनातन धर्म से प्रेरित होकर उन्होंने हिन्दू धर्म स्वीकार किया है।
जमील ने बताया कि हमारे पूर्वज राजपूत थे। मेरे पिता अब्दुल हामिद बेग को कुछ लोगों ने जमीन जायदाद और अपने मजहब की खूबसूरत महिला से शादी आदि का प्रलोभन देकर इस्लाम में परिवर्तित कर दिया था। इसके बाद से ही परिवार के लोग मुस्लिम धर्म को मान रहे थे। मगर मेरी हमेशा से सनातन धर्म में निष्ठा रही। मैं विगत 10 वर्षो से हिन्दू रीति रिवाजों के मुताबिक, अपना जीवन यापन करता आ रहा हूं। अब घर वापसी से संतुष्टि मिली है।