नई दिल्ली. जहां एक तरफ उत्तराखंड (Uttrakhand) के जोशीमठ (Joshimath) शहर के मकानों में पड़ रही दरारों ने वहां के लोगों के साथ अब राज्य की ‘धामी’ सरकार की भी चिंताएं बढ़ा दी हैं। वहीं अब ताजा स्थिति के अनुसार इस भू-धंसाव ने अब सभी वार्डों को चपेट में ले लिया है। इसके के चलते अब जिला प्रशासन वहां रह रहे परिवारों को शिफ्ट करा रहा है। वहीं अब जमीन से निकल रहा पानी खेतों तक पहुंच रहा है। इस आपदा पर वहां के साधु-संतों ने भी अपनी चिंता जताई है।
इसी के चलते कल जोशीमठ में बड़ी संख्या में लोगों ने मशाल जलाकर अपना विरोध प्रदर्शन किया, क्योंकि अब वहां और भी कई घरों में गहरी दरारें आ गईं, जिससे वे दहशत में आ गए हैं। इसके साथ ही लोग ‘धामी’ सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहे हैं। इधर जोशीमठ नगर पालिका के अध्यक्ष का यह संगीन आरोप है कि प्रदेश के CM पुष्कर सिंह धामी ने उनकी बात को अनसुनी कर रहे हैं। मामले पर जोशीमठ नगर पालिका के अध्यक्ष शैलेंद्र पवार और सचिव कमल रतूड़ी के मुताबिक, वो हाल ही में मुख्यमंत्री से मिले थे। लेकिन, तब CM धामी के पास समय नहीं था। वे तब मुख्यमंत्री के दरबार में अपनी समस्या को लेकर गए थे। लेकिन, धामी ने वहां उनकी बात 40 सेकेंड तक ही सुनी और कह दिया कि, उन्होंने माम्क्ले पर अपना आदेश दे दिया है।
इसके चलते अब ‘जोशीमठ बचाओ’ संघर्ष समिति ने आज बाजार बंद करने का बड़ा ऐलान किया है। ‘जोशीमठ बचाओ’ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अतुल सती ने साफ़ कहा है कि बहरी सरकार को होश में लाने के लिए जरुरत पड़ी तो चक्का जाम भी किया जाएगा।