वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण का दावा- UK और कनाडा जैसे देशों के साथ जल्‍द शुरू होगा बिना शुल्‍क का व्‍यापार

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नई दिल्‍ली: वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि UK और कनाडा जैसे देशों के साथ मुक्‍त व्‍यापार समझौता (FTA) अंतिम चरण में है. दोनों देशों के साथ जल्‍द ही बिना शुल्‍क वाले व्‍यापार की शुरुआत हो सकेगी. दिल्‍ली में चल रही B20 Summit 2023 में उन्‍होंने कहा कि यह भारत का समय है और हम सभी के लिए अवसर उपलब्‍ध कराना चाहते हैं.

B20 सम्‍मेलन में सीतारमण ने कहा कि FTA को लेकर वाणिज्‍य मंत्रालय की बातचीत ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों के साथ अंतिम चरण में है. इसके अलावा यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के साथ भी हम मुक्‍त व्‍यापार समझौते पर आगे बढ़ रहे हैं. इस एसोसिएशन में यूरोप के चार प्रमुख देश लीचेंस्‍टीन, नॉर्वे, आईसलैंड और स्विटजरलैंड शामिल हैं. B20 सम्‍मेलन की शुरुआत साल 2010 में हुई थी और इसमें G20 देशों की कंपनियां व दिग्‍गज बिजनेस लीडर्स शामिल होते हैं. मुक्‍त व्‍यापार समझौते से बिना शुल्‍क के ही उत्‍पादों की पहुंच बनेगी, जिससे इनकी कीमतों को थामने में मदद मिलेगी और आम नागरिक तक इसका फायदा पहुंचेगा.

वित्‍तमंत्री ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के तेज विकास पर भरोसा जताते हुए कहा कि हम इन्‍फ्रा सेक्‍टर पर अपना खर्च लगातार बढ़ा रहे हैं. इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर ही हमारी अर्थव्‍यवस्‍था के तेज विकास की चाबी बनेगा. इसके अलावा शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में निवेश से देश की आर्थिक प्रगति में और तेजी आएगी. बदलते पर्यावरण को लेकर भी हमारा निवेश तेजी से बढ़ रहा है. ऊर्जा के नए-नए स्रोत और उसे आर्थिक विकास में शामिल करने की रणनीति पर काम चल रहा है.

वित्‍तमंत्री ने भी आम आदमी को परेशानी में डालने वाली महंगाई का जिक्र किया. उन्‍होंने कहा कि ब्‍याज दरों को बढ़ाकर महंगाई पर कुछ हद तक काबू तो पाया गया, लेकिन इससे विकास दर की रफ्तार भी सुस्‍त पड़ सकती है. लिहाजा हम ऐसा रास्‍ता बना रहे हैं जिससे बिना इकोनॉमिक ग्रोथ पर असर डाले महंगाई पर काबू पाया जा सके. उन्‍होंने अनुमान जताया कि चालू वित्‍तवर्ष की पहली तिमाही की विकास दर के नतीजे अच्‍छे आएंगे और अप्रैल-जून में विकास दर की रफ्तार काफी बेहतर होगी.

वित्‍तमंत्री ने ग्‍लोबल इकोनॉमी के संकट की ओर भी इशारा किया. उन्‍होंने कहा कि B20 सम्‍मेलन में शामिल हर देश के प्रतिनिधि इस बात से इत्‍तेफाक रखते हैं कि कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अगर ग्‍लोबल सप्‍लाई चेन पर एक और झटका लगा तो वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था इसे झेल नहीं पाएगी. पहले ही ग्‍लोबल सप्‍लाई चेन पर असर पड़ने की वजह से पूरी दुनिया महंगाई की गंभीरता से जूझ रही है. लिहाजा हमें साथ मिलकर इससे निपटने की एक साझा रणनीति पर काम करना होगा.

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