नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उद्योग जगत को निवेश जुटाने के लिए लीक से हटकर सोचने की आवश्यकता है। साथ ही, स्टार्टअप कंपनियों के साथ साझेदारी कर उत्पादों के विकास में उनके प्रौद्योगिकी समाधानों का इस्तेमाल करना समय की आवश्यकता है। वित्त मंत्री ने मंगलवार को भारतीय उद्योग महासंघ (सीआईआई) की ओर से आयोजित चर्चा में इस बारें में बोला है कि भारतीय उद्योग जगत के दिग्गजों को निवेश आकर्षित करने के जरूरी कदमों के बारे में लीक से हटकर राय देना जरुरी है। उन्होंने बोला है, मैं स्टार्टअप और उनके समाधान को रफ्तार से बढ़ते हुए देखती हूं। असल में यह समाधान आप लोगों के लिए हैं। लेकिन, इसके लिए आपको उनके जितना ही तेज होना चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो वे नए उद्योग या कारोबारी गतिविधियों की तलाश करने वाला है।
नए अवसरों पर पहुंचने में पीएलआई बढ़िया पहल: वित्त मंत्री ने बोला है, स्टार्टअप के साथ मिलकर काम करने से नए अवसरों तक पहुंच बनने वाली है। नए उभरते इलाकों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना एक बढ़िया पहल भी होने वाली है। लेकिन, मैं यह भी सोचती हूं कि पीएलआई से अलग कौन सी चीज ऐसी है, जो आपको बढ़त भी दिलवा सकता है।
जरूरी होने पर घटाएंगे सीमेंट पर जीएसटी की दर: सीमेंट पर जीएसटी की दर को 28 फीसदी से घटाकर कम करने की मांग पर सीतारमण ने कहा कि इस पर विचार भी किया जा सकता है। जरूरी होने पर जीएसटी परिषद की दर निर्धारण समिति को विचार के लिए भेजा जाने वाला है।
राजकोषीय और वृद्धि दर के बीच संतुलन सराहनीय : बजाज: CII के अध्यक्ष संजीव बजाज ने कहा कि बजट में राजकोषीय और आर्थिक वृद्धि दर के बीच संतुलन सराहनीय भी कहा जा रहा है। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि संतुलन रूढ़िवादी विकास और राजस्व अनुमानों पर आधारित है। उन्होंने बोला है कि बजट में सामान्य व्यवसाय पहचानकर्ता के रूप में पैन का उपयोग करने, डिजीलॉकर की स्थापना और विवाद से विश्वास योजना के दूसरे संस्करण सहित विभिन्न प्रावधान करने से कारोबारी सुगमता बढ़ने वाली है।