झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन देखभाल ईकाई (एनआईसीयू) में आग लगने से दस बच्चों की मौत हो गई है।शुक्रवार रात एनआईसीयू वार्ड में आग लगते ही मौके पर अफरा तफरी मच गई और वहां मौजूद स्टाफ तथा लोग जिन भी बच्चों को लेकर निकल सके उन्हें लेकर निकले। दुर्घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन, बचाव टीम और दमकम विभाग की गाडियां मौके पर पहुंची। हालात इतने भीषण थे कि खिडकियों की जालियां तोड़कर शिशुओं को बाहर निकाला गया। इस घटना पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपना दुख जताया है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड घटना में मरने वाले नवजात शिशुओं के माता-पिता को 5-5 लाख रुपए तथा घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपए की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जा रही है।
जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में मौजूद स्टाफ के द्वारा प्रथम दृष्टया बताया गया कि इस वार्ड के दो हिस्से हैं अधिक क्रिटिकल बच्चों को रखने वाली अंदर वाली यूनिट और कम क्रिटिकल बच्चों वाली बाहर की यूनिट। अंदर की यूनिट से संभवत: शॉट सर्किट से साढे दस बजे आग लगी। बाहर वाली यूनिट से लगभग सभी बच्चों को बचा लिया गया है।
अंदर की यूनिट से भी कई बच्चों को बचाया गया लेकिन प्रथम दृष्टया दस बच्चों की मौत हो गई है। बचाव कार्य जारी है। समय रहते दमकल और बचाव टीम मौके पर पहुंच गई थी। गंभीर रूप से घायल को उपचार दिया जा रहा है। कमिश्नर और डीआईजी की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है, जिसके संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा रिपोर्ट मांगी गईहै। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहन दुख जताते हुए दिवंगत आत्माओं की सद्गति के लिए प्रार्थना की है और अधिकारी को युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाने के आदेश दिये हैं।
उन्होंने टवीट कर लिखा कि जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद एवं ह्रदयविदारक है। जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को सद्गति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।
घटना की जानकारी मिलते ही उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक प्रमुख सचिव के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह जो दुर्घटना हुई है यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसे सरकार ने बहुत गंभीरता के साथ लिया है। घटना में 10 बच्चों की मृत्यु हुई है और हम परिजनों के साथ मिलकर बच्चों की पहचान की जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि किन किन के बच्चों की दुखद मृत्यु हुई है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस दुर्घटना की त्रिस्तरीय जांच कराई जाएगी। पहली शासन के स्तर पर होगी, जो स्वास्थ विभाग करेगा। दूसरी जांच पुलिस प्रशासन और जिले के स्तर से होगी जिसमें फायर विभाग की भी टीम शामिल होगी। तीसरी जांच मजिस्टीरियल स्तर की होगी। हर परिस्थिति में घटना के कारणों का पता लगाया जाएगा और जो कारण होंगे वह जनता के समक्ष मीडिया के माध्यम से रखे जाएंगे।
पाठक ने कहा कि किसी स्तर पर यदि लापरवाही पाई गई तो जिम्मेदारी तय होगी किसी को छोडेंगे नहीं। बच्चों के परिजनों के साथ पूरी सरकार खड़ी है। मैं व्यक्तिगत रूप से इस घटना से बहुत दुखी हूं और जानकारी मिलने के बाद से लगातार प्रशासन के संपर्क में हूं। बच्चों को अच्छी हेल्थ प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है।
फरवरी में इसका फायर सेफ्टी ऑडिट किया गया था और जून में मॉक ड्रिल भी किया गया था लेकिन इसके बावजूद यह घटना क्यों और कैसे घटी यह पूरी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही कह पाएंगे। वर्तमान स्थिति में 17 बच्चे हमारे पास हैं चार प्राइवेट अस्पताल वात्सल्य में, तीन मातृत्व में और एक ललितपुर व एक मऊरानीपुर ले गए हैं, छह बच्चे माताओं के साथ यहीं हैं। दस मृतक बच्चों में से सात की पहचान कर ली गई है। बाकी तीन की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं।
छह परिजनों के माेबाइल बंद होने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। हम उनके निवास पर संपर्क कर बच्चों के बारे में जानकारी लेने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार पीडितों के साथ है पूरी आर्थिक मदद की जाएगी। जिन बच्चों की पहचान नहीं हो पाई तो डीएनए परीक्षण कर परिजनों को सौंपा जाएगा।
सीएमएस सचिन माहौर ने बताया कि एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे, जिसमें 10 बच्चों की मौत हो गई लेकिन बाकी बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया है और उनका इलाज इमरजेंसी में किया जा रहा है। जिस दौरान यह दु:खद हादसा हुआ उस समय मौके पर पवन राजपूत ने बताया कि उनका तीन दिन का भतीजा भी नीकू वार्ड में भर्ती था और इस भीषण हादसे में उसकी मौत हो गई है। मेडिकल कॉलेज परिसर में अफरातफरी का माहौल है। प्रशासन ने व्यवस्थाओ को संभालने के लिए इमरजेंसी में दो से थानों की पुलिस को तैनात किया है। राहत एवं बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है। पीडित परिजनों के बीच गहरी शोक की लहर है।
मौके पर जिलाधिकारी के साथ मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजकिशोर राय, कमिश्नर विमल दुबे, डीआईजी कलानिधि नैथानी, एसएसपी सुधासिंह, सीओ सदर स्नेहा तिवारी, अपरजिलाधिकारी राजस्व एवं वित्त वरूण पाण्डेय, एसपी देहात गोपीनाथ सोनी सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि झांसी सदर विधायक रवि शर्मा, गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत, महरौनी विधायक मन्नू लाल कोरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य आदि मौजूद थे।