नई दिल्ली । वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट का घाटा वित्त वर्ष 22 में बढ़कर 4,362 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 51 प्रतिशत अधिक है। बिजनेस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म टॉफलर द्वारा एक्सेस किए गए आंकड़ों के अनुसार, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने वित्तीय वर्ष 2022 के लिए अपने राजस्व में साल-दर-साल 31 प्रतिशत की छलांग लगाई है। जिसके बाद कंपनी का रेवेन्यू 10,659 करोड़ रुपये हो गया है।
वित्त वर्ष 22 के लिए कंपनी का कुल खर्च 15,020 करोड़ रुपये था। फ्लिपकार्ट ने हाल ही में द बिग बिलियन डेज (टीबीबीडी) फेस्टिव सेल्स के दौरान अपने प्लेटफॉर्म पर 1 बिलियन से अधिक ग्राहक विजि़ट हासिल की हैं। अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) के साथ वॉलमार्ट की फाइलिंग के अनुसार, फ्लिपकार्ट ने 1 फरवरी से 31 जुलाई तक 1.1 अरब डॉलर खर्च किए।
इसकी तुलना में, अमेजॅन इंडिया ने अमेजॅन सेलर सर्विसेज नामक अपने मार्केटप्लेस वर्टिकल के लिए राजस्व में 21,462 करोड़ रुपये की रिपोर्ट करके 32.5 प्रतिशत की वृद्धि (वाईओवाई ) दर्ज की। ई-कॉमर्स दिग्गज ने भी वित्त वर्ष 22 में अपने घाटे को 23 प्रतिशत कम करके 3,649 करोड़ रुपये कर दिया।
इस बीच, खुदरा क्षेत्र की दिग्गज वॉलमार्ट कथित तौर पर देश में अपने परिचालन का और विस्तार करने के लिए अपने ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट के लिए 3 बिलियन डॉलर तक जुटा रही है। नए फंडों के साथ, फ्लिपकार्ट का मूल्यांकन 40 अरब डॉलर से अधिक तक पहुंचने के लिए तैयार है, जिससे भारतीय वित्त पोषण परि²श्य को बढ़ावा मिलेगा, जो कड़ाके की सर्दी से गुजर रहा है।
फ्लिपकार्ट ग्रुप ने पिछले साल जुलाई में भारत में डिजिटल कॉमर्स इकोसिस्टम को विकसित करने और आगे बढ़ाने के लिए 3.6 बिलियन डॉलर जुटाए थे। उस समय के पैसे के बाद समूह का मूल्य 37.6 बिलियन डॉलर आंका गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वॉलमार्ट इस फंडरेजिंग के जरिए रणनीतिक निवेशकों को फ्लिपकार्ट में ला सकती है।