दिल्ली पर फिर मंडरा रहा है बाढ़ का खतरा, यमुना नदी का जलस्तर रात 9 बजे तक 206.42 मीटर पहुंचा, ट्रेनों की आवाजाही बंद

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नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में फिर एक बार बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। यहां यमुना नदी (Yamuna River) का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यह एक बार फिर खतरे के निशान के पार चला गया। रविवार रात 9 बजे यमुना का जलस्तर 206.42 मीटर रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली सरकार ने यमुना के निचले इलाकों के लोगों से इलाका खाली करने का आग्रह किया है।

बता दें कि खतरे का निशान पुराने यमुना पुल के पास खतरे का निशान 205.33 मीटर है। 13 जुलाई को यह रिकॉर्ड 208.66 मीटर पर पहुंच गया था। यमुना का जलस्तर बढ़ने से उत्तर रेलवे ने पुराने यमुना पुल से ट्रेनों की आवाजाही को दूसरे रुट पर डायवर्ट कर दिया है। साथ दिल्ली और शाहदरा के बीच मार्ग निलंबित कर दिया है।उत्तर रेलवे ने कहा, “यमुना का जल स्तर बढ़कर अब 206.4 मीटर हो जाने के कारण पुराने यमुना पुल (पुराना लोहा पुल) का काम आज 22:15 बजे से निलंबित किया जा रहा है। ट्रेनों की आवाजाही को नई दिल्ली के रास्ते डायवर्ट किया जाएगा। दिल्ली और शाहदरा के बीच मार्ग निलंबित रहेगा।”

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। अधिकारियों ने कहा कि नदी के जलस्तर में वृद्धि से राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में राहत एवं पुनर्वास के काम पर असर पड़ सकता है।

राजस्व मंत्री आतिशी ने शनिवार को कहा था कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ के खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है। उन्होंने आशंका जताई थी कि अगर जलस्तर 206.7 मीटर तक पहुंचता है, तो यमुना खादर के कुछ हिस्से जलमग्न हो सकते हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के मुताबिक, यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह की दर शनिवार सुबह नौ बजे एक लाख के आंकड़े के पार चली गई और सुबह 10 बजे से शाम चार बजे के बीच दो लाख से 2.5 लाख क्यूसेक के बीच रही। इसके बाद से जल प्रवाह की दर 1.5 लाख क्यूसेक से दो लाख क्यूसेक के बीच है।

‘साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपुल’ के सहायक समन्वयक भीम सिंह रावत ने कहा, “इस मात्रा में पानी होने से राष्ट्रीय राजधानी में मध्यम दर्जे की बाढ़ का जोखिम पैदा होता है, जो जुलाई के दूसरे सप्ताह में आई बाढ़ से अब भी उबर रही है।” उन्होंने कहा, “दूसरी बार बाढ़ आने से यमुना नदी दिल्ली में अपने ज्यादातर मैदानी हिस्सों तक फैल सकती है।”

दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के ऊपरी हिस्सों में भारी बारिश से निचले इलाकों में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर असर पड़ेगा और उन्हें लंबे समय तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है। इससे शहर में जल आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है, जो वजीराबाद पंप हाउस में बाढ़ के कारण चार-पांच दिन तक प्रभावित रही थी और मंगलवार को ही जल आपूर्ति सामान्य हो पाई। पंप हाउस वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला शोधन संयंत्र में अशोधित जल की आपूर्ति करता है। ये संयंत्र शहर को करीब 25 फीसदी जल की आपूर्ति करते हैं।

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