नई दिल्ली। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) में बारिश दोहरी मार बन रही है. विनाशकारी बाढ़ से अब हालात और खराब होते नजर आ रहे हैं. अब तक बाढ़ (Flood ) से 1600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में जलजनित बीमारियों (diseases) का खतरा बढ़ गया है. पानी की आपूर्ति बाधित है. बाढ़ के कारण देश को 40 अरब डॉलर से ज्यादा का आर्थिक नुकसान (economic loss) हो सकता है. एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है.
पाकिस्तान में हर तरफ तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. भुखमरी और महंगाई की मार झेल रहे पाक के लिए उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति ने मानवीय मदद की गुहार लगाई है. एससीओ समिट के दौरान बाढ़ के हालातों के बारे में बोलते हुए खुद प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) भावुक नजर आए थे. उन्होंने इसे पाकिस्तान के लिए अब तक के सबसे खराब हालातों में से एक बताया था.
पाकिस्तान में बाढ़ से 3.3 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं, जिन्हें तत्काल सहायता की जरूरत है. देशभर में भारी संख्या में घर उजड़ गए हैं, खेत तबाह हो गए और पेट्रोल पंप डूब गए. लाखों लोग सड़कों पर आने को मजबूर हैं. बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही सिंध प्रांत में मचाई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विनाशकारी बाढ़ के मद्देनजर पाकिस्तान में जलजनित बीमारियों के फैलने की आशंका जताई है. WHO प्रमुख टेड्रोस अधनोम गेब्रेयेसस ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है, जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा और इससे हैजा और कई बीमारियां(diseases) हो सकती हैं.
एक रिपोर्ट से पता चला है कि बाढ़ से अब तक तीन करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और 64 लाख लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है. इनमें 16 लाख से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं, जिनमें लगभग एक लाख 30 हजार गर्भवती महिलाओं को तत्काल मदद की जरूरत है. बाढ़ के कारण महिलाओं की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है.