विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने की UN की आलोचना, संरचना में सुधार लाने की दी सलाह

0 241

तिरुवनंतपुरम : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र अपनी संरचना में सुधार नहीं करेगा तो लोग बाहर इसका समाधान ढूंढना शुरू कर देंगे। दरअसल, विदेश मंत्री आज तिरुवनंतपुरम स्थित भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान पहुंचे थे। यहां उन्होंने छात्रों को संबोधित किया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएन के स्थाई सदस्यों की तुलना बस में बैठे यात्रियों से की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने कहीं न कहीं अविवेकपूर्ण तरीके से इसे बस यात्रियों की तरह वर्णित किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीट पर पांच लोग बैठे हैं। यहां सीट पर बैठा एक व्यक्ति अगले व्यक्ति के लिए सीट खाली नहीं करता। बस में कोई यात्री थका हुआ होता है तो कोई यात्री बच्चे को लेकर जा रहा है लेकिन सीट पर बैठे यात्री उठेंगे नहीं। जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में संयुक्त राष्ट्र पर दवाब पड़ रहा है।

विदेश मंत्री ने कहा कि दबाव तो होना ही चाहिए। अफ्रीका में 54 देश हैं लेकिन उनका एक भी सदस्य नहीं है। लैटिन अमेरिका का भी एक सदस्य नहीं है। यूएन में कोई देश नहीं है, जो विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करती हो। यूएन में ऐसा कोई देश नहीं है, जो विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं है। अगर यूएन में सुधार नहीं होगा तो लोग इसका समाधान बाहर ढूंढने लगेंगे और यह बात संयुक्त राष्ट्र को समझना होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी, उस वक्त की स्थिति आज की स्थिति आज से बिल्कुल अलग थी। उस दौरान संयुक्त राष्ट्र में 51 संस्थापक सदस्य थे लेकिन वह उसी संयुक्त राष्ट्र में 200 देश शामिल हैं। बावजूद इसके यूएनएससी के स्थाई सदस्यों में बदलाव नहीं किए गए। दुनिया में पहले के मुकाबले बहुत बदलाव आया है। संचार, स्वास्थ्य, शिक्षा अब हर क्षेत्र में बदलाव आ चुका है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.