नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आलोचना की। जयशंकर ने मुंबई में सुरक्षा परिषद की आतंकवाद विरोधी समिति की बैठक में कहा, जब इन आतंकवादियों में से कुछ को प्रतिबंधित करने की बात आती है, तो सुरक्षा परिषद कुछ मामलों में राजनीतिक कारणों से कार्रवाई करने में असमर्थ रही है। यह हमारी सामूहिक विश्वसनीयता और हमारे सामूहिक हितों को कमजोर करता है।
उन्होंने आगे कहा कि एक महीने के अंदर हम नवंबर 2008 में मुंबई पर हुए भीषण हमलों की 14वीं बरसी मनाएंगे। मंत्री ने कहा, एक आतंकवादी को जिंदा पकड़ा गया, उस पर मुकदमा चलाया गया और उसे भारत की सर्वोच्च अदालत ने दोषी ठहराया, लेकिन 26/11 के हमलों के प्रमुख साजिशकर्ता और योजनाकार अभी भी सुरक्षित हैं। दो दिवसीय बैठक दिन में पहले ताजमहल होटल में शुरू हुई, जो 26/11 के घातक हमलों के स्थलों में से एक है।
हमलों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने वाले जयशंकर ने कहा कि यह सिर्फ मुंबई पर हमला नहीं था, यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर हमला था। उन्होंने कहा, आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य राज्य की प्रतिबद्धता सार्वजनिक रूप से चुनौती है। जयशंकर ने कहा कि यह संदेश देने की जरूरत है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और न्याय देने में कभी देरी नहींकरेगा। उन्होंने कहा, 26/11 को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।