नई दिल्ली : विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की जापान की तीन दिवसीय यात्रा के बारे में विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि इस यात्रा के दौरान जहां द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की गई, वहीं दोनों देशों के बीच वैश्विक स्तर पर सहयोग बढ़ाने के बारे में भी विचार किया गया।
कोरिया गणराज्य की यात्रा के समापन के बाद छह मार्च को टोक्यो पहुंचे डॉ. जयशंकर ने इंडो-पैसिफिक, ग्लोबल साउथ और संयुक्त राष्ट्र सुधारों जैसे मुद्दों को उठाया और व्यापार, रक्षा प्रौद्योगिकी व सुरक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुभकामना संदेश देते हुए, विदेश मंत्री जयशंकर ने जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा को द्विपक्षीय रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी में हाल के विकास के बारे में जानकारी दी। विदेश मंत्री ने सात मार्च को अपने जापानी समकक्ष योको कामिकावा के साथ दोनों देशाों के बीच व्यापार, निवेश, बुनियादी ढांचा, प्रौद्योगिकी, और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
दोनों मंत्री दोनों देशों के लोगों के बीच बेहतर समझ को बढ़ावा देने पर सहमत हुए। उनकी चर्चा में अन्य बातों के अलावा, सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए सहयोग, हरित प्रौद्योगिकी, रक्षा उपकरण, प्रौद्योगिकी, डिजिटल भुगतान, भारत में जापानी भाषा को बढ़ावा देना आदि शामिल थे।
बातचीत में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपसी हित के क्षेत्रीय मुद्दों और प्रमुख वैश्विक गतिविधियाें पर भी चर्चा हुई। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के उपाध्यक्ष तारो असो सहित अन्य वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं के साथ विदेश मंत्री की बैठकों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर बात की गई।
यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री ने अकी आबे से भी मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का एक पत्र सौंपा, इसमें जापान के दिवंगत प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मां योको आबे के निधन पर शोक व्यक्त किया गया था।