नई दिल्ली: सर्दियों के बावजूद अभी से उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने लगी है। एक नवंबर से अब तक आग की पांच से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं। इसे लेकर फॉरेस्ट सर्वे आफ इंडिया ने फायर अलर्ट भी शुरू कर दिया है। लेकिन वन विभाग अभी भी बेखबर है। ना तो आग से निपटने की तैयारी है,ना ही कोई सतर्कता। हैरानी की बात है कि वन मुख्यालय के फायर कंट्रोल रूम तक को आग की जानकारी नहीं दी गई। एफएसआई के अलर्ट के बाद मुख्यालय ने सभी डिवीजनों को अलर्ट कर दिया है।
कुमाऊं में 5 से ज्यादा घटनाएं
अभी जंगलों में काफी नमी है। अंदर का तापमान भी काफी कम हो गया है। वहीं धूप भी अभी इतनी तेज नहीं हुई है,इसके बावजूद जंगलों में आग की घटनाएं शुरू हो गई हैं। एक नवंबर से अब तक कुमाऊं में पांच से ज्यादा घटनाएं आग की सामने आ चुकी हैं। जिसका लेकर एफएसआई ने वन अफसरों को अलर्ट भेजे हैं। एफएसआई के अलर्ट के अनुसार नैनीताल जिले में एक घटना में तो आग करीब दस हेक्टेयर में फैली थी। जबकि एक घटना में करीब चार हेक्टेयर तक आग फैली थी। इसी तरह कुछ छोटी घटनाएं यूएसनगर जिले के जंगलों में भी सामने आयी हैं। गढ़वाल में भी कुछ वन प्रभागों में आग की सूचनाएं हैं। इसके अलावा पिछले करीब एक सप्ताह में भी कई जगह आग की घटनाएं हुई हैं।
विभाग के पास कोई तैयारी नहीं
सूत्रों का कहना है कि करीब 30 से 40 हेक्टेयर जंगल आग से प्रभावित हुआ है। इस दिनों में भी उत्तराखंड में जंगल जल रहे हैं। इसको लेकर वन विभाग बेखबर है। विभाग के पास इसको लेकर कोई तैयारी नहीं है। प्रमुख घटनाएं -तराई पश्चिमी वन प्रभाग के आमपोखरा रेंज में आमपोखरा बीट में आग लगी। तराई पश्चिमी वन प्रभाग के रामनगर रेंज के नॉर्थ आमपानी बीट में आग लगी। तराई पूर्वी वन प्रभाग के सुरई रेंज के सरपुडा बीट में आग लगी । तराई पूर्वी वन प्रभाग के सुरई रेंज के सरपुडा बीट में आग लगी।
सीसीएफ फॉरेस्ट फायर,निशांत वर्मा ने बताया कि, एफएसआई ने एक नवंबर से फायर अलर्ट शुरू कर दिए हैं। हमें लगातार फॉरेस्ट फायर के अलर्ट एफएसआई से मिल रहे हैं। संबंधित डीएफओ से इसकी जानकारी मांगी जा रही है। कुछ जगह मौके पर जंगल में आग के बजाए आसपास के खेतों पुराली जलाने की जानकारी है। जो एफएसआई ने फॉरेस्ट फायर दिखाया है। फायर और पुराली जलाने को लेकर सभी डिवीजनों को अलर्ट कर दिया गया है।