एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और एन्टी नारकोटिक्स यूनिट का गठन

0 217

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए अह्म निर्णय लेते हुए प्रदेश में नशीली दवाओं के दुरूपयोग रोकने, नशा पीड़ितों के पुनर्वास एवं जनजागरूकता फैलाने सहित विभिन्न कार्यों के लिए ‘नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय/आयुक्तालय, ‘एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स‘ (एएनटीएफ) तथा एन्टी नारकोटिक्स यूनिट (एएनयू) के गठन हेतु प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की है।

नशे की बढ़ती समस्या को खत्म करने सहित कई कार्यों के लिए नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय/आयुक्तालय का गठन किया जा रहा है। इसमें आयुक्त पदेन शासन सचिव, गृह को नियुक्त किया गया है। इस क्षेत्र में कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि व मनोचिकित्सक, मनोविज्ञानी आदि को सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाएगा। साथ ही चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, आबकारी, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, पुलिस विभाग, राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला, सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के अधिकारी/कर्मचारी शामिल किए जाएंगे।

एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में किया गया है। इसमें अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एएनयू को सदस्य सचिव बनाया गया है। इस फोर्स में दस सदस्य होंगे। इनमें अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा, शासन सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, शासन सचिव कृषि विभाग, शासन सचिव आबकारी विभाग, शासन सचिव उच्च शिक्षा, अतिरिक्त महानिदेशक राजस्व आसूचना निदेशालय, राज्य औषधि नियंत्रक राजस्थान, निदेशक राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय है।

टास्क फोर्स, नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) सचिवालय के रूप में कार्य करेगी। यह एनसीओआरडी की विभिन्न बैठकों के निर्णयों की क्रियान्विति सुनिश्चित करेगी। नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ कानून लागू करने के लिए रणनीति, उपाय एवं विभिन्न तरीकों को विकसित करना, दुरूपयोग को रोकना, पीड़ितों का पुनर्वास एवं जागरूकता फैलाने जैसे उद्देश्यों के लिए विभिन्न विभाग, सरकारी एजेंसियों एवं पुलिस ईकाईयों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा।

यह फोर्स पुलिस, स्वास्थ्य एवं अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा दवाओं की तस्करी में लिप्त पाए जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करना सुनिश्चित करेगी। साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा नशीली दवाओं के दुरूपयोग से संबंधित आंकड़ों का आंकलन कर आवश्यक नीतिगत परिवर्तन के लिए राज्य सरकार को सिफारिश करेगी।

निदेशालय/आयुक्तालय द्वारा नशा नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत प्रदत्त वित्तीय सहायता के लिए विभिन्न विभागों की आवश्यकता अनुसार प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे। मादक पदार्थों और नशीली दवाओं की रोकथाम के लिए एसओजी में महानिरीक्षक पुलिस की अध्यक्षता में एंटी नारकोटिक्स यूनिट (एएनयू) का गठन किया जा रहा है। यह मुख्यतः एंटी नारकोटिक्स एनफोर्समेंट का कार्य करेगी।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.