मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में बुधवार शाम एक मरीज के साथ दुर्व्यवहार पर बीजेपी के पूर्व सांसद आलोक संजर बिफर पड़े. एम्स प्रबंधन के खिलाफ पूर्व सांसद अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गए. इस बीच मामले में जूनियर डॉक्टर की एंट्री हो गई. जूनियर डॉक्टरों ने राजनेताओं पर ट्रामा और इमरजेंसी के संचालन में बाधा डालने का आरोप लगाया.
इसको लेकर मेन गेट पर आकर प्रदर्शन करने लगे. तभी अस्पताल प्रबंधन ने पूर्व सांसद आलोक संजर से बातचीत की और उन्हें शांत कराया. प्रबंधन की तरफ से दोबारा किसी अन्य मरीज के साथ दुर्व्यवहार नहीं करने के आश्वासन के बाद करीब 5 घंटे चला धरना आखिर खत्म हुआ.
बताया जा रहा है कि रीवा से मरीज बालनेद्र मिश्रा को लेकर उनके परिजन एम्स भोपाल आए थे. मरीज ब्लड कैंसर व ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित है. उनको अस्पताल में भर्ती नहीं करने पर परिजनों ने किसी के माध्यम से पूर्व सांसद आलोक संजर से संपर्क किया. उन्होंने डॉक्टर से बात की और मरीज को इमरजेंसी में भेजा. लेकिन इमरजेंसी में भी डॉक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया. इस पर दोबारा आलोक संजर ने स्टाफ से बात कराने के लिए कहा, लेकिन स्टाफ ने बात करने से मना कर दिया. आरोप है कि मरीज और उसके परिजनों को बाहर निकाल दिया गया. इस पर पूर्व सांसद आलोक संजर शाम 4 बजे अस्पताल पहुंचे और धरने पर बैठ गए.
पूर्व सांसद बोले- एम्स में गरीब मरीज इलाज कराने आते हैं
पूर्व सांसद आलोक संजर ने बताया कि उनके आने के बाद मरीज को भर्ती कर लिया गया है. उसका इलाज भी शुरू हो गया. लेकिन अब तक अस्पताल प्रबंधन की तरफ से कोई भी जिम्मेदार न तो मिलने आया और न ही उनसे बातचीत की. उन्होंने कहा कि एम्स में गरीब मरीज इलाज कराने आते हैं. अस्पताल में मरीज को भर्ती करने के लिए प्रभावशाली व्यक्ति कब तक आएंगे.
आश्वासन मिलने पर अनशन खत्म
करीब 5 घंटे तक पूर्व सांसद आलोक संजर अनशन पर बैठे रहे. देखते ही देखते उनके समर्थक व भीड़ जमा हो गई. पुलिस प्रशासन भी मौके पर पहुंचा. एम्स प्रशासन में आलोक संजर से बातचीत करके आश्वासन दिया कि ऐसी गलतियां अब नहीं दोहराई जाएगी. जिसके बाद पूर्व सांसद आलोक संजर ने अनशन खत्म किया.