पोर्ट लुईस : भारत और मॉरीशस ने बुधवार को मजबूत द्विपक्षीय कारोबारी संबंधों को गति देने के लिए वित्तीय सेवाओं व दोहरे कराधान से बचाव जैसे क्षेत्रों में चार समझौते किए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व मॉरीशस के पीएम प्रविंद कुमार जुगनौथ में द्विपक्षीय वार्ता के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मॉरीशस की तीन दिनी राजकीय यात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व मॉरीशस के पीएम के बीच हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की चर्चा के बाद भारतीय अनुदान सहायता से कार्यान्वित 14 सामुदायिक विकास परियोजनाओं का ई-उद्घाटन किया गया। विदेश मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘एक महत्वपूर्ण समझौते में, GIFT इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और मॉरीशस के वित्तीय सेवा आयोग ने GIFT सिटी और FSC मॉरीशस के बीच वित्तीय सेवा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।’
इसके अलावा, सार्वजनिक सेवाओं की भर्ती में अनुभव और विशेषज्ञता साझा करने के लिए भारत के संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और मॉरीशस के लोक सेवा आयोग के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों देश भारत-मॉरीशस दोहरे कर बचाव समझौते में संशोधन करने के लिए एक प्रोटोकॉल पर भी सहमत हुए, जिससे इसे ओईसीडी/जी20 आधार क्षरण और लाभ स्थानांतरण न्यूनतम मानकों के अनुरूप बनाया जा सके।
भारत के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और मॉरीशस के भ्रष्टाचार के खिलाफ स्वतंत्र आयोग (आईसीएसी) के बीच एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए सूचना साझा करना और क्षमता निर्माण करने के उद्देश्य से यह एमओयू साइन किया गया।
बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू और मॉरीशस के प्रधान मंत्री ने वस्तुतः 14 सामुदायिक विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिन्हें भारत की मौद्रिक सहायता से कार्यान्वित किया जाना है। उन्होंने भारतीय वित्त पोषण से निर्मित होने वाली मॉरीशस की नई फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की भी वस्तुतः आधारशिला रखी।