नई दिल्ली : फ्रांसीसी विमान निर्माण कंपनी एयरबस (Airbus) ने भारत (India) में टाटा समूह के साथ पहली हेलीकॉप्टर फाइनल असेंबली लाइन स्थापित करने का औपचारिक ऐलान शुक्रवार को कर दिया है। टाटा समूह के साथ साझेदारी करने की यह घोषणा आज की गई, जब गणतंत्र दिवस समारोह के बतौर मुख्य अतिथि फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन भारत में हैं। असेंबली लाइन में एयरबस के सबसे ज्यादा बिकने वाले एच-125 हेलीकॉप्टर का उत्पादन किया जाएगा। इसके बाद कुछ पड़ोसी देशों को निर्यात किये जाने की भी योजना है।
हालांकि, टाटा समूह और फ्रांसीसी कंपनी एयरबस के संयुक्त करार किये जाने के बारे में वार्ता लम्बे समय से चल रही थी, लेकिन राष्ट्रपति मैक्रॉन की इस भारत यात्रा में साझेदारी करने का ऐलान हो पाया है। ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देते हुए एयरबस हेलीकॉप्टर्स ने घोषणा की है कि वह देश में हेलीकॉप्टरों के लिए फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) स्थापित करने के लिए टाटा समूह के साथ साझेदारी कर रहा है। एयरबस ने एक बयान में कहा कि यह एफएएल भारत में हेलीकॉप्टर विनिर्माण सुविधा स्थापित करने वाला निजी क्षेत्र का पहला उदाहरण होगा, जो भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ कार्यक्रम को बढ़ावा देगा। इस साझेदारी के तहत टाटा समूह की सहायक कंपनी टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) हेलीकॉप्टर फाइनल असेंबली लाइन स्थापित करेगी।
एयरबस की ओर से बताया गया है कि भारत में स्थापित होने वाली पहली हेलीकॉप्टर फाइनल असेंबली लाइन में हेलीकॉप्टरों के एवियोनिक्स और मिशन सिस्टम, विद्युत हार्नेस की स्थापना, हाइड्रोलिक सर्किट, उड़ान नियंत्रण, ईंधन प्रणाली और इंजन के एकीकरण का कार्य किया जाएगा। यहां एच-125 हेलीकॉप्टरों का निर्माण करके भारत और पड़ोसी देशों को आपूर्ति की जाएगी। एफएएल को स्थापित होने में 24 महीने लगेंगे और पहले ‘मेड इन इंडिया’ एच-125 की डिलीवरी 2026 में शुरू होने की उम्मीद है। भारत में स्थापित होने वाली एफएएल का स्थान एयरबस और टाटा समूह संयुक्त रूप से तय करेंगे।
एच-125 दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला सिंगल-इंजन हेलीकॉप्टर है, जो अपनी श्रेणी के अन्य हेलीकॉप्टरों को मात देता है। यह उच्च प्रदर्शन वाला बहुमुखी हेलीकॉप्टर एयरबस के एक्यूरुइल परिवार का सदस्य है, जिसने दुनिया भर में 38 मिलियन घंटे से अधिक उड़ान भरी है। इसे हवाई कार्य, अग्निशमन, बचाव, हवाई एम्बुलेंस, यात्री परिवहन और कई अन्य मिशनों के लिए आसानी से कॉन्फ़िगर किया जा सकता है। यह माउंट एवरेस्ट पर उतरने वाला एकमात्र हेलीकॉप्टर है।
इस हेलीकॉप्टर में छह लोग बैठ सकते हैं। इसे एक ही पायलट उड़ाता है। 35.10 फीट लंबे इस हेलीकॉप्टर की ऊंचाई 10.4 फीट है और अधिकतम टेकऑफ वजन 2250 किलोग्राम है। इसके रोटर का व्यास 35.1 फीट है और यह 245 किमी. प्रति घंटे की क्रूज स्पीड से उड़ान भरता है। एक बार में 662 किलोमीटर तक उड़ान भरने की रेंज है और अधिकतम 15,100 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है।