नई दिल्ली । नरेंद्र मोदी भले ही आठ वर्ष पहले गुजरात के मुख्यमंत्री का पद छोड़कर देश के प्रधानमंत्री बन चुके हो लेकिन 2022 में एक बार फिर से गुजरात का विधान सभा चुनाव नरेंद्र मोदी के इर्दगिर्द ही सिमटता नजर आने लगा है।
अपने गृह राज्य की जनता से इस बार सबसे बड़ी जीत दिलाने की पहले ही अपील कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुजरात की जनता को फिर से अपने अपमान की याद दिलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी द्वारा 15 वर्ष पहले बोले गए ‘ मौत का सौदागर ‘ से लेकर हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव कराने वाले वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री के ‘औकात बताने’ वाले बयान की याद दिलाते हुए गुजरात के मतदाताओं को राजनीतिक संदेश देने का प्रयास कर यह साफ कर दिया कि वो इस बार भी राज्य विधान सभा के चुनाव का एजेंडा सेट करने जा रहे हैं।
सोमवार को गुजरात के सुरेंद्रनगर में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें नीची जाति का कहा गया, मौत का सौदागर कहा गया और अब उनके औकात बताने की बात कही जा रही है। गुजरात की जनता को संबोधित करते हुए मोदी ने आगे कहा कि, कांग्रेस वाले कहते हैं कि मोदी की औकात दिखा देंगे। ये तो राज परिवार से हैं, मैं तो एक सामान्य परिवार की संतान हूं। मेरी कोई औकात नहीं है। तुम मेरी औकात मत दिखाओ। मैं तो सेवादार हूं , नौकर हूं और सेवादार की कोई औकात नहीं होती है।
कांग्रेस की तीखी आलोचना करते हुए मोदी ने आगे कहा, औकात बताने का यह खेल छोड़ दो भाई। मेहरबानी करके गुजरात के विकास के मुद्दे पर चर्चा करो। विकसित गुजरात बनाने के लिए मैदान में आओ। दरअसल, गुजरात विधान सभा के चुनाव का इतिहास यह बताता है कि जब-जब कांग्रेस के नेताओं ने इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमला बोला है तब-तब भाजपा और मोदी ने इसे अपमान और गुजरात की अस्मिता से जोड़कर बड़ा चुनावी मुद्दा बना दिया और जनादेश भी हासिल किया।