आज से प्रयागराज में गाड़ी की एंट्री पर नहीं है कोई रोक, जानें मेले क्षेत्र में लागू रहेगा कौन सा नियम

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प्रयागराज: जहां एक तरफ महाकुंभ 2025 के आयोजन के चलते उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या आ रही है। वहीं करोड़ों की संख्या में भक्त गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा रहे हैं। इस बीच महाकुंभ मेले से श्रद्धालुओं की भीड़ की सुगम वापसी सुनिश्चित करने के मद्देनजर जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मांदड़ ने बीते गुरुवार को कहा कि प्रयागराज कमिश्नरेट से ‘डायवर्जन स्कीम’ (वाहनों के प्रवेश और निकास) हटाई जा रही है।

दरअसल एक संदेश वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि प्रयागराज में आगामी 4 फरवरी तक वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। हालांकि, प्रशासन ने इस खबर को पूरी तरह से निराधार बताया है। प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मांदड़ ने इस बारे में पूरी जानकारी सामने रखी है। उन्होंने कहा, ‘‘सोशल मीडिया पर एक समाचार तेजी से वायरल हो रहा है कि चार फरवरी तक प्रयागराज में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। यह समाचार पूरी तरह से निराधार है। प्रयागराज में वाहनों का प्रवेश (डायवर्जन स्कीम) मौनी अमावस्या को देखते हुए प्रतिबंधित किया गया था।”

जिला मजिस्ट्रेट मांदड़ ने यह भी कहा था कि, “आज 30 जनवरी को सभी श्रद्धालु वापस लौट रहे हैं। पुलिस द्वारा ‘डायवर्जन स्कीम’ को हटाया जा रहा है और बैरिकेड हटाने के निर्देश पुलिस को दिए गए हैं। 31 जनवरी, एक फरवरी और चार फरवरी को किसी प्रकार वाहनों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।” उन्होंने कहा कि, “केवल दो और तीन फरवरी (बसंत पंचमी स्नान पर्व) को ‘डायवर्जन स्कीम’ लागू रहेगी। मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश की एक अलग प्रक्रिया है। इस बारे में मेलाधिकारी और डीआईजी द्वारा अलग से सूचित किया जाएगा। प्रयागराज कमिश्नरेट क्षेत्र में वाहनों पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।”

जानकारी दें कि, प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के लिए उमड़ी भीड़ में बीते मंगलवार देर रात मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत की घटना की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित न्यायिक जांच आयोग ने बीते गुरुवार को ही अपना काम शुरू कर दिया। आयोग के सदस्य आज यानी शुक्रवार को घटनास्थल का दौरा करेंगे। जानकारी दें कि, प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के लिए बीते मंगलवार देर रात उमड़ी भीड़ में मची भगदड़ की घटना में 30 लोगों की मौत हो गई थी तथा 60 अन्य जख्मी हो गए थे। मौनी अमावस्या बीते बुधवार को थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता वाले इस आयोग में सेवानिवृत्त आईएएस अफसर डी। के। सिंह और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी वी। के। गुप्ता भी इसमें शामिल हैं। आयोग को अपने गठन के एक महीने के अंदर मामले की जांच रिपोर्ट देनी होगी। इस सिलसिले में जारी अधिसूचना के मुताबिक, आयोग भगदड़ के कारणों और परिस्थितियों की जांच करेगा। साथ ही भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के सिलसिले में सुझाव भी देगा।

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