G20 Summit : पीएम मोदी ने ओडिशा के लोगों का इंडोनेशिया के बाली से जोड़ा कनेक्शन, जानिए क्‍या है कारण ?

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नई दिल्‍ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इंडोनेशिया के बाली (Bali) में आयोजित जी-20 शिखर बैठक (G-20 Summit) में शामिल होने पहुंचे हैं. इस दौरान वहां भारतीय समुदाय (Indian Community) के कार्यक्रम (Program) में उन्होंने भारत और इंडोनेशिया (Indonesia) के संबंधों को दोहराया. उन्होंने कहा कि ओडिशा के महानदी के किनारे बाली यात्रा का महोत्सव चल रहा है. यह महोत्सव भारत और इंडोनेशिया के बीच हजारों वर्षों के ट्रेड संबंधों का जश्न है.

भारत और इंडोनेशिया के पुराने संबंधों की दिलाई याद
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज जिस समय मैं आपसे बात कर रहा हूं और हम इंडोनेशियाई सभ्यता के गाने गा रहे हैं, इसी पल बाली से 1,500 किलोमीटर दूर भारत के कटक शहर में महानदी के किनारे बाली यात्रा का महोत्सव चल रहा है. यह महोत्सव भारत-इंडोनेशिया के बीच हजारों वर्षों के ट्रेड संबंधों का जश्न है.” पीएम मोदी ने आगे कहा, ”जब इंडोनेशिया के लोग इंटरनेट पर इस साल के बाली यात्रा की तस्वीर देखेंगे तो उन्हें गर्व होगा और वे खुश होंगे. कोविड के कारण कुछ रुकावटें आई थीं लेकिन अब बाली यात्रा भव्यता के साथ लाखों लोगों की भागीदारी के साथ मनाई जा रही है.”

‘यहां आकर अलग अनुभूति होती है’
बाली आने का अनुभव साझा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”बाली आने के बाद हर भारतीय को एक अलग ही अनुभूति होती है और मैं भी वही महसूस कर रहा हूं. जिस जगह के साथ भारत का हजारों वर्षों का रिश्ता रहा हो, जिसके बारे में सुनते रहते हो, पीढ़ी दर पीढ़ी उस परंपरा को आगे बढ़ाया लेकिन कभी ओझल नहीं होने दिया.”

क्या है ओडिशा की बाली यात्रा का इतिहास
‘बाली यात्रा’ एक त्योहार है जो ओडिशा के समृद्ध समुद्री इतिहास को बताता है. यह पूरे राज्य में मनाया जाता है. ऐतिहासिक शहर कटक में कार्तिक पूर्णिमा के दिन (कार्तिक महीने, अर्थात अक्टूबर-नवंबर, की पूर्णिमा) से शुरू होकर एक सप्ताह तक यह चलता है. दरअसल, कलिंग साम्राज्य (वर्तमान ओडिशा) अपने शानदार समुद्री इतिहास के लिए जाना जाता है. कलिंग की भौगोलिक स्थिति के कारण, इस क्षेत्र में चौथी और पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व से ही बंदरगाहों का निर्माण होने लगा था. ताम्रलिप्ति, माणिकपटना, चेलिटालो, पलूर, और पिथुंड जैसे कुछ प्रसिद्ध बंदरगाहों के जरिये भारत समुद्र के रास्ते अन्य देशों से जुड़ सका. जल्द ही, कलिंगवासियों ने श्रीलंका, जावा, बोर्नियो, सुमात्रा, बाली और बर्मा के साथ व्यापारिक संबंध बना लिए. बाली उन चार द्वीपों का हिस्सा था जिसे सामूहिक रूप से सुवर्णद्वीप कहा जाता था और जिसे आज इंडोनेशिया के रूप में जाना जाता है.

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