Gama Pehalwan:भारत का गर्व गामा पहलवान क्यों चले गये पाकिस्तान

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Gama Pehalwan : ‘रुस्तम-ए-जमां’, ‘शेर-ए-पंजाब’ और ‘द ग्रेट गामा’ जैसे नामों से जाने वाले गामा पहलवान (Gama Pehalwan) का आज 144वां जन्मतिथि है. . Gama Pehalwan का जन्म 22 मई 1878 को अमृतसर में हुआ था . बचपन में उन्हे गुलाम मुहम्मद के नाम से बुलाया जाता है । भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय यानी साल 1947 के बाद गामा पहलवान भारत के नहीं बल्कि पाकिस्तान में चले गये और वहा के हो गये । Gama Pehalwan ने शुरुआत में कुश्ती के दांव-पेच पंजाब के मशहूर पहलवान माधो सिंह की देन है ।. साल 1947 से पहले तक गामा पहलवान ने भारत का नाम पूरी दुनिया में ऊंचा किया. गामा अपने 52 साल के करियर में कभी कोई मुकाबला नहीं हारे.
5 फुट 7 इंच के औसत हाइट वाले Gama Pehalwan उस दौर में लगभग हर लंबे पहलवान को धूल चटा दी थी . गामा पहलवान को Rustam-e-Hind का खिताब हासिल किया था । वो Wrestling world champion भी बने थे. गामा पहलवान की मृत्यु 23 मई 1960 को पाकिस्तान के लाहौर में हुई थी. वे लंबे वक्त से बीमार थे.

Gama Pehalwan डाइट में 6 देसी चिकन, 10 लीटर दूध, आधा किलो घी और बादाम का शरबत और 100 रोटी रोज खाने में लेते थे । रोज 15 घंटे प्रैक्टिस करते थे. वे हर दिन 3000 बैठक और 1500 दंड करते थे । बताया जाता है कि गामा पहलवान ने एक भारी भरकम पत्थर को डंबल बनाया हुआ था. ‘The Wrestler’s Body: Identity and Ideology in North India’ नाम से किताब लिखने वाले जोसफ ऑल्टर ने इस बारे में अपनी किताब में भी विस्तार से बताया है. इसके अलावा वो रोज अपने गले से 54 किलो का पत्थर बांधकर 1 किलोमीटर तक भागा करते थे ।

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रिर्पोट – शिवी अग्रवाल 

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