‘कर्ज न चुकाने वालों को डिफॉल्टर घोषित करने से पहले दें पर्याप्त समय’, बैंकों के लिए दिशानिर्देश जारी

0 51

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक और कर्ज देने वाले संस्थानों से कहा है कि कर्ज लेकर नहीं चुकाने वालों के खातों को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने से पहले पर्याप्त समय दें। ऐसे खाताधारकों का पहले जवाब सुनें। साथ ही ग्राहकों को धोखाधड़ी की पूरी जानकारी के साथ कारण बताओ नोटिस भी जारी करना होगा। आरबीआई ने जारी सर्कुलर में कहा, डिफॉल्टर व्यक्तियों या संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए कम से कम 21 दिन का समय देना चाहिए। केंद्रीय बैंक के मौजूदा नियमों के संशोधन में पिछले साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को शामिल किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डिफॉल्टर को सुनवाई का अधिकार दिए बिना बैंक किसी खाते को एकतरफा धोखाधड़ी घोषित नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा था, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की मांग है कि उधारकर्ताओं को फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के निष्कर्ष को समझाने का अवसर देते हुए एक नोटिस देना चाहिए। उनके खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने से पहले बैंकों या वित्तीय संस्थानों के सामने खुद का प्रतिनिधित्व करने की मंजूरी दी जानी चाहिए।

ऋणदाताओं की धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन नीति की समीक्षा बोर्ड की ओर से तीन साल में कम से कम एक बार की जाएगी। बैंकों को धोखाधड़ी के मामलों की निगरानी और कार्रवाई के लिए बोर्ड की एक विशेष समिति का गठन भी करना होगा। बैंकों को धोखाधड़ी के उपयुक्त संकेतकों की पहचान करके अपनी ईडब्ल्यूएस प्रणाली को मजबूत करने की भी जरूरत है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.