नई दिल्ली। फेस्टिव सीजन (festive season) में सोने (gold) में खरीद के मौके बने हुए हैं। इस हफ्ते सोने की कीमतों (Gold Price Weekly) में गिरावट देखने को मिली है। त्योहारी सीजन के बीच गोल्ड (gold) की कीमतों का कम होना लोगों के लिए राहत की बात है। विदेशी बाजारों में सोने की कीमतों में सुस्ती की वजह से आज घरेलू बाजार में सोना और चांदी की कीमतों में नरमी देखने को मिली है।
सोना फिलहाल 51 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर के करीब है, जबकि चांदी गिरावट के साथ 58 हजार रुपये प्रति किलो के स्तर से नीचे आ गई है। सोने में नरमी अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़ों की वजह से देखने को मिली है। महंगाई में अनुमान से तेजी के बाद आशंका बन गई है कि फेडरल रिजर्व दरों में और तेज बढ़ोतरी कर सकता है। जिसके वजह से निवेशक सोने से पीछे हटे हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में पीली धातु की कीमतों में आई नरमी के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना 261 रुपये गिरकर 51,098 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के मुताबिक पिछले कारोबारी सत्र में सोना 51,359 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था. वहीं आज चांदी में भी 692 रुपये की बड़ी गिरावट दर्ज की गई और यह 57,477 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई।
पिछले कारोबारी सत्र में यह 58,169 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना नरमी के साथ 1,665.2 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह चांदी भी 18.95 डॉलर प्रति औंस पर थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा कि सोने की कीमतों पर बॉन्ड यील्ड में तेजी और महंगे होते डॉलर का दबाव देखा जा रहा है. सितंबर के महीने में अमेरिकी की महंगाई दर अनुमानों से तेजी के साथ बढ़ी हैं। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट वाले सोने का दाम 14 अक्टूबर को अधिकतम 50,763 रुपये रहा. जबकि 22 कैरेट वाले गोल्ड का दाम 50,560 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा।
आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में घरों के किराए में 1990 के बाद से सबसे तेज बढ़त देखने को मिली है. वहीं खाने का लागत भी तेजी के साथ बढ़ी है। आंकड़ों के मुताबिक कोर सीपीआई 6.6 प्रतिशत पर है. महंगाई में अनुमानों से तेज बढ़त की वजह से अनुमान है कि केंद्रीय बैंक नीतियों में और सख्ती करेगा. इससे डॉलर में उछाल देखने को मिल सकता है। आशंका जताई जा रही है कि फेड अगले साल की शुरुआत तक अपनी दरों को 4.75 प्रतिशत से 5 प्रतिशत की रेंज तक पहुंचा सकता है इन संकेतों से ही सोने में गिरावट रही है।