नई दिल्ली: टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज कंपनियों में शामिल वोडाफोन आइडिया (VODAFONE IDEA) के अच्छे दिन आते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। कंपनी लाइसेंस फीस के मामले में डिफॉल्टर होती जा रही है। कंपनी ने सरकार के पास अपनी लाइसेंस फीस का भुगतान नहीं किया है। लिहाजा सरकार की तरफ से कंपनी को कारण बताओ नोटिस मिल सकता है। यदि कंपनी सरकार को इस मामले में संतुष्ट करने में नाकामयाब रहती है तो सरकार द्वारा कंपनी का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है। इसका प्रमुख कारण ये है कि कंपनी ने पिछली तिमाही में लाइसेंस फीस जमा नहीं कराई। कंपनी की कुल 780 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस बनती है।
इस खबर को ब्रेक करते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने कहा कि कंपनी ने पिछली तिमाही में मात्र 10% ही लाइसेंस फीस दी थी। इस तरह VODAFONE IDEA ने सरकार के पास मात्र 78 करोड़ रुपये ही फीस जमा कराई है जबकि कंपनी को कुल मिलाकर 780 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस जमा करानी थी।
असीम ने आगे कहा कि कंपनी ने स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज भी पूरा नहीं दिया है। हालांकि कंपनी 1 महीने में ब्याज सहित पैसे दे सकती है। बता दें कि टेलीकॉम कंपनी को हर तिमाही लाइसेंस फीस देनी होती है। इस तरह देखा जाये तो वोडाफोन आइडिया को 15 जनवरी तक सरकार के पास फीस जमा करानी थी। लेकिन कंपनी फीस जमा करने में असफल रही है।
असीम ने आगे कहा कि कंपनी के पास अगले 15 दिनों तक ब्याज के साथ लाइसेंस फीस जमा कराने का विकल्प मौजूद है। लेकिन इसके लिए कंपनी को मार्केट रेट से भी ज्यादा ब्याज भी लाइसेंस फीस के साथ चुकाना होगा। कंपनी के पास फंड की कमी है। पैसे की व्यवस्था के लिए कंपनी ने बैंकों से भी संपर्क किया था लेकिन वहां से कंपनी को पैसे नहीं मिल सके हैं।
असीम ने ये भी कहा कि कंपनी ने बैंकों के कुल मिलाकर 7000 करोड़ रुपये के लोन की मांग की थी। लेकिन कंपनी को बैंकों ने लोन नहीं दिया। जिसकी वजह से कंपनी फीस नहीं भर पाई है। अब सरकार कंपनी को 2 से 3 दिनों के अंद कारण बताओ नोटिस जारी करेंगी। उसके बाद लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर सकती है।