नई दिल्ली: इंडियन ऑटोमोबिल इंडस्ट्री में ‘इलेक्ट्रिक’ काफी चर्चा में है, सैकड़ों नए इलेक्ट्रिक व्हीकल, बैटरी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रही हैं. मेकर्स की इतनी भीड़ कभी देखने को नहीं मिली. अब तो टेस्ला भी भारत में भारत में एंट्री ले रही है. वहीं वियतनाम की लीडिंग ऑटो कंपनी ने भी भारत में आने के संकेत दे दिए हैं. भारत की ऑटो कंपनियों ने विदेशी कंपनियों को कड़ी टक्कर देने के लिए अपने आपको तैयार करना शुरू कर दिया है. जिसकी वजह से भारत में ईवी सेक्टर में जॉब्स की बाढ़ आने के संकेत मिल रहे हैं. अनुमान है साल 2030 तक यानी आने वाले सालों में हर मिनट में 16 लोगों को नौकरी मिल सकती है.
लिंक्डइन की ग्लोबल ग्रीन स्किल्स रिपोर्ट 2023 के मुताबिक ऑटो इंडस्ट्री में ग्रीन स्कील हासिल करने के मामले में भारत पहले ही कई देशों से आगे निकल चुका है. भारत ने कम से कम एक ईवी स्किल वाले ऑटो इंडस्ट्री के वर्क फोर्स में पिछले पांच साल में 40 फीसदी का इजाफा कर दिया है. जिसकी वजह से इस मामले में यूएस, मैक्सिको, कनाडा और कई यूरोपीय देश भारत से इस मामले में काफी पीछे हो गए हैं. आने वाले सालों में ग्रीन स्किल वर्कर्स श्रमिकों की डिमांड और बढ़ने की उम्मीद है. अनुमान अलग-अलग हैं, अलग-अलग इंडस्ट्री के लीडर्स अलग-अलग लेवल पर ईवी सेक्टर में जॉब जेनरेशन का अनुमान लगा रहे हैं. लेकिन हर कोई इस बात पर एकजुट दिख रहा है कि लाखों नई पोस्ट जेनरेट हो रही हैं.
रैंडस्टैड इंडिया के प्रोफेशनल सर्च एंड सेलेक्शन के डायरेक्टर संजय शेट्टी ने ईटीऑटो से बात करते हुए कहा कि 2030 तक ईवी सेक्टर में 10 मिलियन यानी एक करोड़ तक डायरेक्ट जॉब जेनरेट होंगी और 50-55 मिलियन यानी 5.5 करोड़ इनडायरेक्ट जॉब जेनरेट होंगी. अगर दोनों को मिला दिया जाए तो करीब 6 करोड़ से ज्यादा लोगों को जॉब मिल सकती है. इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में हर एक मिनट में 16 लोगों को जॉब मिल सकती है. हीरो इलेक्ट्रिक में एवीपी एचआर मनु शर्मा ने ईटी से बात करते हुए कहा कि ईवी इंडस्ट्री को बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए तुरंत पांच से 10 करोड़ लोगों की जरुरत होगी.
रेवफिन के सीईओ और संस्थापक समीर अग्रवाल ने ईटी से बात करते हुए कहा कि 2030 तक लगभग 20 मिलियन नौकरियां पैदा की जाएंगी. जिसमें आरएंडडी से लेकर मैन्युफैक्चरिंग, चार्जिंग इंफ्रा और स्किल टेक जॉब तक कई पोस्ट शामिल होंगी. रैंडस्टैड के शेट्टी ईटी ऑटो से बात करते हुए कहा कि डॉमेस्टिक ईवी मार्केट में 2030 तक 45-50 फीसदी तक की ग्रोथ देखने को मिल सकती है. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत में एनुृअल ईवी सेल 10 मिलियन यूनिट से ज्यादा हो जाएगी और यह लगभग 8-10 मिलियन डायरेक्ट और 50-55 मिलियन इनडायरेक्ट जॉब जेनरेट करेगी. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में स्किल प्रोफेशनल्स और करीब 15-20 लाख कर्मचारियों की मांग बढ़ रही है. उन्होंने टैलेंट की कमी का भी जिक्र किया.