नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने चीनी की कीमतों पर नियंत्रण के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने चीनी मिलों को इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस का इस्तेमाल न करने का निर्देश दिया है। दरअसल सरकार को चिंता है कि इससे चीनी उत्पादन गिर सकता है, जिससे कीमतें बढ़ जाएंगी।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने गुरुवार को सभी चीनी मिलों और डिस्टिलरियों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों को लिखे पत्र में इथेनॉल के उत्पादन के लिए गन्ने के रस का इस्तेमाल न करने का निर्देश दिया है। हालांकि, मंत्रालय ने पत्र में कहा है कि बी-हैवी शीरे से तेल विपणन कंपनियों को इथेनॉल की आपूर्ति जारी रहेगी।
मंत्रालय ने चीनी (नियंत्रण) आदेश 1966 के खंड 4 और 5 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सभी चीनी मिलों और डिस्टिलरीज को यह निर्देश दिया है कि वे तत्काल प्रभाव से ईएसवाई (इथेनॉल आपूर्ति वर्ष) 2023-24 में एथनॉल के लिए गन्ने के रस यानी चीनी के रस का उपयोग न करें। खाद्य मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को बी-हेवी शीरे से प्राप्त एथनॉल की आपूर्ति जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार का लक्ष्य पेट्रोल में 20 फीसदी तक इथेनॉल मिलाने का रहा है। इसके तहत सरकार कच्चे तेल के आयात को कम करना चाहती है। हालांकि, सरकार के इस फैसले के बाद शुगर स्टॉक्स में तेज गिरावट देखने को मिली है।