सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए स्टॉक लिमिट घटाई

0 164

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए सख्त कदम उठाया है। सरकार ने गेहूं के व्यापारियों, थोक विक्रेताओं और बड़ी खुदरा श्रृंखला विक्रेताओं के लिए स्टॉक लिमिट में कटौती की है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है, जो 31 मार्च, 2024 तक जारी रहेगा।

उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को जारी बयान में बताया कि सरकार ने व्यापारियों, थोक विक्रेताओं और बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं के लिए गेहूं की स्टॉक सीमा को 3000 मीट्रिक टन से संशोधित कर 2000 मीट्रिक टन कर दिया है। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि कीमतों में हालिया वृद्धि को ध्यान में रखते हुए स्टॉक सीमा की समीक्षा के बाद इसे लागू कर दिया गया है।

खाद्य सचिव ने कहा कि गेहूं की स्टॉक सीमा को घटाकर 2 हजार टन इसकी कीमतों में इजाफा के बाद किया गया है। चोपड़ा ने बताया कि सरकार ने पाया कि पिछले एक महीने में एनसीडीईएक्स पर गेहूं की कीमतों में चार फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो बढ़कर 2,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता है लेकिन मुझे लगता है कि कुछ तत्व हैं, जो कुछ कृत्रिम कमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने तीन महीने पहले 12 जून को गेहूं कारोबारियों पर मार्च, 2024 तक 3,000 टन की स्टॉक रखने की सीमा तय की थी। इस आदेश के अब व्यापारी और थोक विक्रेता 2 हजार टन से अधिक गेहूं नहीं रख सकते हैं। स्टॉक लिमिट का लक्ष्य गेहूं की जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकना, गेहूं की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करना और मूल्य अस्थिरता से बचना है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.