नई दिल्ली: भारतीय युवाओं को आडियो वीजुअल-गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) क्षेत्र में विश्वस्तरीय ताकत बनाने के लिए सरकार स्कूल से लेकर कॉलेज और पीएचडी स्तर तक शैक्षिक कार्यक्रम शुरू करेगी। इसके अलावा देश भर में इन क्षेत्रों में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों का मानकीकरण कर उनको वैश्विक प्रतिस्पर्धा के समकक्ष भी खड़ा किया जाएगा। एवीजीसी क्षेत्र के लिए सूचना प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा के नेतृत्व में गठित टास्क फोर्स ने अपनी रपट को सौंपते हुए सरकार को इन बिंदुओं पर कार्य करने की अनुशंसा की है।
टॉस्क फोर्स ने कहा है कि मेक इन इंडिया की तर्ज पर इसके लिए क्रिएट इन इंडिया कार्यक्रम चलाया जाए। एक्सआर या एक्सटेंडेड रियेलटी नामक यह कार्यक्रम इस क्षेत्र के समुचित विकास को प्रोत्साहित करे। इसके लिए इंडस्ट्री के लोगों को इस क्षेत्र में शिक्षण के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएं। कार्यक्रम चलाने के लिए बजटीय प्रावधान किया जाए।
इसके मुख्य बिंदुओं पर चर्चा के लिए आयोजित एक वार्ता में इस क्षेत्र में उपलब्ध अवसर, शैक्षिक कार्यक्रम, नई शिक्षा नीति का इसके लिए उपयोग और केंद्र—राज्य सरकार के बीच इससे संबंधित समन्वय को लेकर भी जानकारी दी गई। इस वार्ता में केंद्रीय सूचना प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा, उच्च शिक्षा सचिव संजय मूर्ति, कौशल एव उदयमिता सचिव अतुल कुमार तिवारी, सूचना प्रसारण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव नीरजा शेखर व संयुक्त सचिव फिल्म प्रिथुल कुमार भी उपस्थित थे।
केंद्रीय सूचना प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि एवीजीसी क्षेत्र में इस समय भारत की हिस्सेदारी केवल एक प्रतिशत है। इसे हम बढ़ाकर 6 प्रतिशत तक ले जा सकते हैं। इससे अगले दस साल में भारत में केवल इस क्षेत्र में 20 लाख नई नौकरी के अवसर सृजित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक उदयीमान क्षेत्र है। इसमें असीम संभावनाएं हैं। इसके लिए केंद्र और विभिन्न राज्य सरकार मिलकर काम करेंगी।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में इससे संबंधित अलग नीति भी है। उन्होंने कहा कि बच्चे इस क्षेत्र को भी इंजीनियरिंग—मेडिकल क्षेत्र की तरह अपनाएं। इसके लिए बड़े स्तर पर प्रचार अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में वेतन और नाम अनुभव और कार्य पर निर्भर है। लेकिन शुरूआती स्तर पर भी 20—25 हजार से लेकर 50 हजार रूपये तक की नौकरी के अवसर उपलब्ध है।
केंद्रीय कौशव विकास एवं उदयमिता सचिव अतुल कुमार तिवारी ने इस क्षेत्र में कौशल विकास से संंबंधित कार्यो की जानकारी देते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि इस क्षेत्र को लेकर कार्य नहीं किया जा रहा है। कई कॉलेज और विश्वविदयालयों में इसको लेकर पढ़ाई हो रही है। इस क्षेत्र में कई तरह के कोर्स अलग स्तर पर संचालित हो रहे हैं। उसके मानकीकरण और नई शिक्षा नीति के तहत उसके विस्तार के लिए भी कार्य किया जा रहा है। इसमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय का भी सतत सहयोग मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत में इस समय देश और दुनिया की मूवी-सिनेमा-सीरियल की डबिंग या उनका भाारतीय भाषा में रूपांतरण का बड़ा बाजार विकसित हो रहा है। इसके अलावा कॉमिक आधारित सीरियल और यहां तक की चैनलों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जो यह बताता है कि इस क्षेत्र में लगातार नौकरी के अवसर उत्पन्न होंगे।
इसे ध्यान में रखते हुए हम लगातार कौशल विकसित करने के नए कार्यक्रम सृजित करेंगे। सूचना प्रसारण मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव नीरजा शेखर ने कहा कि सरकार इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समग्रित रूप से कार्य करने की दिशा में बढ़ रही है। यही वजह है कि तीन मंत्रालय एक साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।