केन्द्रीय कर्मियों को Corona महामारी के दौरान रुका हुआ 18 माह का डीए नहीं देगी सरकार

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नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया कि कोरोना महामारी के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का रोका गया 18 माह का महंगाई भत्ता (डीए) उन्हें नहीं दिया जाएगा। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लिखित में जवाब देते हुए कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की तीन किस्तों का बकाया दिए जाने की कोई योजना नहीं है।

उन्होंने कहा कि एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को जारी महंगाई भत्ते को रोकने का फैसला कोरोना महामारी से पैदा हुए आर्थिक व्यवधान के चलते लिया गया था, जिससे सरकार पर वित्तीय बोझ को कम किया जा सके। सरकार ने इसके जरिये 34,402.32 करोड़ रुपये की धनराशि बचाई थी।

उधर, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने अगले वित्त वर्ष (2024-25) तक रक्षा उत्पादन को 1.75 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से करीब 35,000 करोड़ रुपये के रक्षा उत्पाद निर्यात का लक्ष्य भी शामिल है। 2021-22 में निजी कंपनियों और राज्य संचालित रक्षा निर्माताओं का उत्पादन का 86,078 करोड़ रुपये पहुंच गया। 2020-21 में देश में रक्षा उत्पादन 88,631 करोड़ रुपये था। इससे पहले 2019-20 में 63,722 करोड़ रुपये का रक्षा उत्पादन हुआ था। 2018-19 में 50,499 करोड़ और 2017-18 में 54,951 करोड़ रुपये का रक्षा उत्पादन देश मे हुआ। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 2021-22 में 12,815 करेाड़ रुपये के रक्षा उत्पादों का निर्यात किय गया।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की 55 उच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से 23 समय सीमा को पूरा नहीं कर सकीं। उच्च-प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में एंटी-एयर फील्ड हथियार, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, जहाज-रोधी मिसाइल, लंबी दूरी के रडार, लड़ाकू वाहन, पनडुब्बियों के लिए लड़ाकू सूट और पनडुब्बी पेरिस्कोप विकसित करना शामिल था।

देश की राजधानी दिल्ली के पॉश इलाके जोरबाग में कई हजार करोड़ रुपये की करीब 10 एकड़ जमीन सहित कुल 123 संपत्तियों से बीते महीने केंद्र सरकार ने दिल्ली वक्फ बोर्ड को बेदखल कर दिया। इस संबंध में सोमवार को राज्यसभा में केंद्रीय आवास व शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि असल में इन सभी संपत्तियों पर हमेशा से केंद्र का ही अधिकार था। एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि फिलहाल इन संपत्तियों को अन्य प्रयोजनों से आवंटित किए जाने की प्रकिया शुरू नहीं हुई है।

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक देश में सबसे काम साक्षरता दर बिहार में है और उसके बाद अरुणाचल प्रदेश और राजस्थान की नंबर आता है। शहरी क्षेत्र के 84.11 फीसदी के मुकाबले ग्रामीण भारत में साक्षरता दर 67.77 फीसदी है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी।

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