श्रीहरिकोटा (Sriharikota)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) (Indian Space Research Organization – ISRO). ने बिना किसी बाधा के मिशन के सफल होने पर राहत की सांस ली। मिशन के निदेशक ने कहा, जीएसएलवी (GSLV) अब नॉटी बॉय ( not Naughty Boy) नहीं रहा, एक आज्ञाकारी और अनुशासित (obedient-disciplined boy) लड़के जैसा परिपक्व हो गया है।
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के द्वितीय लॉन्च पैड से शाम 5:35 बजे 52 मीटर ऊंचा रॉकेट उपग्रह को लेकर शानदार ढंग से आसमान की ओर बढ़ा। रॉकेट जीएसएलवी में तीन स्टेज रखा गया था। सबसे ऊपरी स्टेज पर क्रायोजेनिक इंजन था। इसने महज 20 मिनट की उड़ान के बाद उपग्रह को अपने से अलग कर जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में छोड़ दिया। जीटीओ पृथ्वी से करीब 37 हजार किमी ऊंचे अंतरिक्ष में है। एजेंसी
प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने की बढ़ी ताकत
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने कहा कि आज उन्नत मौसम उपग्रह, इनसैट 3डीएस के सफल प्रक्षेपण पर हमारे इसरो वैज्ञानिकों को बधाई। तीसरी पीढ़ी का उपग्रह प्राकृतिक आपदाओं से सटीकता से लड़ने में भारत की ताकत को बढ़ाएगा। यह हर आपदा में शून्य हताहत के लक्ष्य को हासिल करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
पीएम के नेतृत्व की गूंज
पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इसरो और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को सफल प्रक्षेपण की बधाई। अंतरिक्ष शोध और देश के विकास में यह यादगार उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वप्नदर्शी नेतृत्व की गूंज है।