अहमदाबाद (Ahmedabad) । गुजरात हाइकोर्ट (Gujarat High Court) ने रेप के दोषी कथावाचक आसाराम (Asaram) को राहत दी है. साल 2013 के रेप केस में आसाराम की दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी बढ़ती उम्र को ध्यान में रखते हुए अपील पर सुनवाई होगी. वह लगभग एक दशक से जेल में बंद हैं. ऐसे में उनकी अपील पर 4 अप्रैल से सुनवाई शुरू करने का कोर्ट ने फैसला किया है.
न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया और न्यायमूर्ति विमल व्यास की खंडपीठ आसाराम की जेल की सजा को निलंबित करने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. बेंच ने रेप की सजा के खिलाफ उसकी अपील पर सुनवाई को प्राथमिकता देने का फैसला किया. कोर्ट ने कहा आसाराम जेल में 10 साल की सजा काट चुके हैं और वह 85 साल के हैं. हम सजा को निलंबित करने की उनकी याचिका के बजाय मुख्य अपील पर ही सुनवाई करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट से पहले नहीं मिली थी राहत
बताते चलें कि रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा था. सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की बिगड़ती सेहत के कारण सजा को निलंबित करने की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी से राहत के लिए राजस्थान हाईकोर्ट जाने को कहा था. न्यायमूर्ति खन्ना ने मामले में अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ हाईकोर्ट के समक्ष अपनी अपील की सुनवाई में देरी करने के लिए आसाराम द्वारा जानबूझकर किए गए प्रयासों को भी चिह्नित किया.
बेटा नारायण साईं भी काट रहा उम्र कैद
बताते चलें कि आसाराम बापू का बेटा नारायण साईं भी रेप के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. बीते दिनों नारायण ने अपने बीमार पिता से मिलने और उनकी देखभाल करने के लिए 20 दिन की अस्थाई जमानत मांगी थी. उनका कहना था कि उनके पिता अपनी जिंदगी के आखिरी पड़ाव पर हैं. हालांकि, बाद में इस याचिका को वापस ले लिया था.
पिता-पुत्र पर दो बहनों ने लगाए थे आरोप
बताते चलें कि साल 2013 में सूरत की दो बहनों ने आरोप लगाया था कि आसाराम और नारायण साईं ने उनके साथ रेप किया है. पीड़िताओं ने शिकायत दर्ज कराई थी कि साल 2002 और 2005 में बाप और बेटे ने उनको कई बार अपनी हवस का शिकार बनाया. उस दौरान वे आसाराम के आश्रम में साधक की तरह रहती थीं. इस दौरान आसाराम और नारायण की पत्नियां ही उन्हें उनके पास ले जाया करती थी.
इसके बाद दोनों बाप-बेटे उन्हें अपनी हवस का शिकार बनाते थे. पीड़िताओं ने बताया था कि नारायण साईं उनको कई जगहों पर ले जाकर शारीरिक शोषण किया और अप्राकृतिक संबंध भी बनाए थे. वो अक्सर ऐसा कई लड़कियों के साथ करते थे. उसने कई लड़कियों से जिस्मानी रिश्ते बनाए थे. दिल्ली पुलिस ने उसको दिसंबर 2013 में गिरफ्तार किया था.