लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कैसरबाग स्थित सफेद बारादरी में आयोजित ग्रामश्री एवं क्राफ्ट रूट्स की हैंडीक्राफ्ट प्रदर्शनी का उद्धाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हैंडीक्राफ्ट एग्जीबिशन देखने में भले ही छोटी लग रही है, लेकिन, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला है। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से प्रदेश में वर्ष 2018 में परंपरागत उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘एक जिला, एक उत्पाद’ का एक अभिनव कार्यक्रम शुरू किया गया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कारीगरों और हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहित करने एवं उनके प्रशिक्षण के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना चलायी जा रही है। इसके तहत उन्हें मानदेय और टूलकिट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि लैंडलॉक्ड स्टेट कहा जाने वाला उत्तर प्रदेश का दो से तीन वर्ष के अंदर एक्सपोर्ट दोगुने से अधिक हो गया। कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने कई अभिनव प्रयोग किए।
उन्होंने इन प्रयोगों से महिला सशक्तीकरण को जोड़ा, जो काम से वंचित थीं। उन्हें जब मौके मिला तो उन्होंने अपने हुनर का प्रदर्शन कर साबित कर दिया कि प्रदेश में पोटेंशियल की कमी नहीं है। आज गवर्नर आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में इसे आगे बढ़ाया जा रहा है। हैंडीक्राफ्ट से जुड़े कारीगर और हस्तशिल्प प्रेरणा का स्रोत हैं क्योंकि वह आत्मनिर्भर होने के साथ दूसरों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना कालखंड में प्रदेश में 40 लाख से अधिक लोग आए। उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना हमारे लिए बड़ा चैलेंज था। ऐसे में सरकार के आह्वान पर प्रदेश की 96 लाख एमएसएमई यूनिट ने इन्हें काम देकर संकट की घड़ी में साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश में कुछ भी असंभव नहीं है। इतना ही नहीं आज प्रदेश की ओडीओपी योजना अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी संस्थाओं से जुड़ी हुई हैं और इसे नई पहचान दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने गुजरात से ग्राम स्वराज की नई प्रेरणा दी। यहां पर ग्रामश्री संस्था का जन्म होना सौभाग्य की बात है। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज को आगे बढ़ाते हुए हस्तशिल्पियों और कारीगरों को टेक्नोलॉजी से जोड़ नई दिशा दी है। संस्था हैंडीक्राफ्ट एग्जीबिशन के जरिये देश के विभिन्न राज्यों के कारीगरों की कुशलता को आपस में आदान-प्रदान कर इसे नया रूप दे रही है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल विजन को दर्शाती हैं।