नई दिल्ली : सोमवार, 17 जुलाई 2023 को सावन की हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन पितरों की शांति, श्राद्ध कर्म, पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। इससे जातक को पितृ दोष, कालसर्प दोष और शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
सावन के पवित्र महीने में श्रावण माह की अमावस्या तिथि को भी बेहद खास माना जाता है। हरियाली अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करके पितरों को पिंडदान और श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
किसानों के लिए शुभ दिन: शास्त्रों के अनुसार, हरियाली अमावस्या के दिन किसान खेती में उपयोग होने वाले उपकरणों की पूजा करते है और भगवान से अच्छा फसल की कामना करते हैं। यह दिन पर्यावरण के नजर से भी बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन ग्रह दोषों को दूर करने के लिए कुछ विशेष वृक्षों की पूजा की जाती है।
हरियाली अमावस्या का महत्व: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सावन महीने के कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि के अगले दिन हरियाली अमावस्या मनाया जाता है। इस दिन पीपल और तुलसी के पौधे की विशेष रूप से पूजा की जाती है। इन वृक्षों में देवताओं का वास माना जाता है।
हरियाली अमावस्या की पूजानविधि:
1. सुबह जल्दी उठकर पूजा की शुरुआत करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
2. आप एक साफ चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाकर मां पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें।
3. मां पार्वती और भगवान शिव को धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें और उनकी आरती उतारें।
4. इस शुभ दिन पर भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए शिव मंदिर में दर्शन करने जरूर जाएं।