ढाका : बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार अब एक्शन में है। सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने आज बांग्लादेश में चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त किया कि वह समावेशी और बहुलवादी लोकतंत्र की स्थापना सुनिश्चित करने और ऐसा माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जिसमें ‘‘स्वतंत्र, निष्पक्ष और भागीदारीपूर्ण चुनाव’’ संपन्न कराया जा सके। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार यूनुस ने तीसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। भारत ने डिजिटल रूप से इस सम्मेलन की मेजबानी की।
नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस (84) ने अपने देश में राजनीतिक उथल-पुथल और पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आप सभी जानते हैं कि बांग्लादेश ने पांच अगस्त 2024 को एक ‘दूसरी क्रांति’ देखी, जो हमारे बहादुर छात्रों के नेतृत्व में हुई, जिसमें आम जनता भी शामिल हुई।’’ यूनुस ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली वर्तमान अंतरिम सरकार ने आठ अगस्त को शपथ ली थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार समावेशी और बहुलवादी लोकतंत्र में परिवर्तन सुनिश्चित करने और ऐसा माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें स्वतंत्र, निष्पक्ष और भागीदारीपूर्ण चुनाव हो सकें।’’ अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी हिंसा और तोड़फोड़ के बीच यूनुस ने अंतरिम सरकार का कार्यभार संभाला था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में आयोजित शिखर सम्मेलन में यूनुस ने कहा, ‘‘अब हमारा काम हमारी चुनाव प्रणाली, न्यायपालिका, स्थानीय सरकार, मीडिया, अर्थव्यवस्था और शिक्षा में महत्वपूर्ण सुधार करना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको जल्द ही ढाका आने के लिए आमंत्रित करता हूं। नहीं तो, आप कुछ महत्वपूर्ण जानकारी से चूक सकते हैं। युवा छात्र और 12-13 वर्ष की आयु के बच्चे इस 400 साल पुराने शहर की दीवारों पर नए लोकतांत्रिक पर्यावरण-अनुकूल बांग्लादेश की तस्वीरें बना रहे हैं।’’ प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा, ‘‘इसके लिए कोई केंद्रीय योजना या मार्गदर्शन नहीं है। किसी से कोई बजट समर्थन नहीं है। यह सिर्फ उनकी भावनाओं की अभिव्यक्ति और दूसरी क्रांति के लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता है।’’
सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ विद्यार्थियों के व्यापक प्रदर्शन के बाद शेख हसीना (76) को इस्तीफा देना पड़ा था और पांच अगस्त को वह देश छोड़कर भारत चली गई थीं। यूनुस ने कहा, ‘‘हमें युवाओं और छात्रों को अपनी रणनीतियों के केंद्र में रखना चाहिए। हमारी आबादी का दो-तिहाई हिस्सा युवा हैं। वे समाज का सबसे शक्तिशाली हिस्सा हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे समाज का सबसे शक्तिशाली वर्ग हैं। वे अलग हैं। वे एक नयी दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे सक्षम हैं। वे तकनीकी रूप से पिछली पीढ़ी से बहुत आगे हैं।’’ यूनुस ने 1952 में हुए ‘बंगाली भाषा आंदोलन’ का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘1952 में बांग्लादेशी छात्रों ने अपनी मातृभाषा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इसने पूरी दुनिया में मातृभाषा में बोलने के अधिकार के लिए संघर्ष को प्रेरित किया।