नई दिल्ली. सुबह की अन्य बड़ी खबर के अनुसार, जरात सरकार ने बिलकिस बानो मामले (Bilkis Bano Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जिस हलफनामा दाखिल कर दिया है। इस मामले में आरोपियों की रिहाई को चुनौती दी गई है। आज SC इन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। पता हो की, गुजरात सरकार ने अपने हलफनामे में कहा, तीसरा पक्ष जनहित याचिका की आड़ में आपराधिक मामले में कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
दरअसल बीते सोमवार को गुजरात सरकार (Gujarat Government) ने बिलकिस बानो मामले (Bilkis Bono Case) में 11 दोषियों को छूट देने के अपने फैसले का बचाव किया था। तब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया कि उन्हें (दोषियों) जेल में 14 साल की सजा पूरी करने के बाद छूट दी गई थी और उनका व्यवहार अच्छा पाया गया था।
गौरतलब है कि इस मामले में दोषी ठहराए गए 11 लोगों को बीते 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया गया था। दरसल गुजरात सरकार ने अपनी छूट नीति के तहत उनकी रिहाई की अनुमति दी थी। तर्क यह था कि, इन्होंने जेल में 14 साल से अधिक समय पूरा किया था। इस हलफनामे में यह भी कहा गया कि, सरकार ने 1992 की नीति के अनुसार सभी 11 कैदियों के मामलों पर विचार किया है और 10 अगस्त, 2022 को छूट दी गई थी। और केंद्र सरकार ने दोषियों की समयपूर्व रिहाई को भी अपनी दे दी मंजूरी दी थी। दरअसल इन 11 लोगों को “आजादी का अमृत महोत्सव” के उत्सव के हिस्से के रूप में कैदियों को छूट के अनुदान के परिपत्र के तहत छूट प्रदान नहीं की गई थी।