जोशीमठ: भू-धंसाव को लेकर जोशीमठ का मामला काफी चर्चा में है। यहां रह रहे कई लोगों पर संकट मंडराया हुआ है। उनके आशियानों में दरारें आ गई हैं। कई लोगों का घर भी खाली कराया गया है। नम आंखों से लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए। इस बीच जोशीमठ के रहवासियों पर प्रकृति की दोहरी मार पड़ रही है। शुक्रवार को यहां भारी बर्फबारी हुई है। जिससे तापमान में भारी गिरावच दर्ज की गई है। लोगों को भीषण ठंड का सामना करना पड़ रहा है। जोशीमठ भू धंसाव को लेकर हर कोई चिंतित है। स्थानीय लोगों की चिंता अपने भविष्य को लेकर है।
वहीं, मुख्यमंत्री के निर्देश पर दरारें पड़ने वाले मकानों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। मकानों के बाद अब होटल, गेस्ट हाउस को भी ध्वस्त करने की तैयारी चल रही है। सबसे पहले जीएमवीएन गेस्ट हाउस पर बुलडोजर चलाया गया। इन गेस्ट हाउस में ही रुककर वैज्ञानिक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। लेकिन गेस्ट हाउस में दरार आने से चिंता बढ़ गई है। अब प्रशासन नए ठिकाने तलाश रहा है। इसके साथ ही जिन घरों में अधिक दरारें हैं, उन्हें सबसे पहले ढहाया जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने तैयारी कर ली है। जिसकी शुरुआत मनोहर बाग से किया जाएगा। इधर राहत शिविरों में भी दरारें आने से प्रशासन की चिंताए बढ़ गई हैं।
जोशीमठ के कई हिस्सों में एक वर्ष से ज्यादा समय से दरारें आ रही हैं। इसरो की एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें बताया गया था कि जोशीमठ हाल के वर्षों में करीब 2 सेमी प्रति वर्ष की रफ्तार से धंसा है। हालांकि हालांकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने जोशीमठ भू-धंसाव की सेटेलाइट तस्वीरें हटा दी हैं। इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर की ओर से सैटेलाइट इमेज जारी की गई थी। इसको लेकर भी कई तरह की चर्चा है।