नई दिल्ली: आपने कई फिक्शनल फिल्मों में आंखों से खून बहते हुए देखा होगा। इसे ज्यादातर वैम्पायर या सुपरनैचुरल कैरक्टर्स के साथ जोड़ा जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि असल जिंदगी में भी इंसानों की आंखों से खून के आंसू निकल सकते हैं। दरअसल, यह एक दुर्लभ स्थिति है जिसे हेमोलैक्रिया कहा जाता है।
हेमोलैक्रिया एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें इंसान की आंखों में बनने वाले आंसू में खून भी मिल जाता है। यह कई बीमारियों और विकारों का लक्षण है। सेंटर फॉर साइट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. महिपाल सिंह सचदेव ने बताया कि ये हॉर्मोन में बदलाव, शरीर में सूजन, महिलाओं में पीरियड्स, आंखों में चोट, ट्रॉमा, नाक से खून, हाई ब्लड प्रेशर, हीमोफीलिया और ट्यूमर जैसी परेशानियों के चलते हो सकता है। इसके साथ ही अनियंत्रित हाइपरटेंशन और खून को पतला करने वाली दवाएं, जैसे एस्प्रिन और हेपारिन से भी हेमोलैक्रिया होने की संभावना होती है।
आंखों के अलग-अलग हिस्सों में लगने वाले ट्रॉमा से भी इस दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। केवल खून के आंसू बहना ही हेमोलैक्रिया की स्थिति को नहीं दर्शाता। डॉ. सचदेव के अनुसार, इस दौरान आंखों में धुंधलापन, दृष्टि में लाल रंग, आंख में स्क्रैच या चोट, टूटी हुईं ब्लड वेसल्स (रक्त वाहिकाएं), लगातार लाल आंसू निकलना और आंखों पर प्रेशर जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है। इसके अलावा सिरदर्द और शरीर के दूसरे हिस्सों में चोट और ब्लीडिंग भी हेमोलैक्रिया स्थिति के लक्षण हैं।
हेमोलैक्रिया का खतरा किसे?
कंजंक्टिवाइटिस (पिंक आई) के मरीजों को हेमोलैक्रिया का खतरा होता है। जिन्हें आंख में पहले कभी चोट लगी हो, जिसकी आंख की ब्लड वेसल्स कमजोर हो गई हों या जिन्हें आंख में ट्यूमर हो, उन्हें भी हेमोलैक्रिया का जोखिम होता है। अपनी आंखों को हेमोलैक्रिया से बचाने के लिए नियमित रूप से आई चेकअप कराना चाहिए। यदि आपको हेमोलैक्रिया का खतरा होगा भी तो आप इससे पहले ही बच सकेंगे। आंख में कोई भी चोट लगने पर उसे गंभीरता से लें। जिन लोगों को पहले से हेमोलैक्रिया है, उन्हें डॉक्टर्स दवाएं, आई ड्रॉप्स और सर्जरी कराने की सलाह दे सकते हैं। हेमोलैक्रिया के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।