दिखेगा हजार सालों का इतिहास, 75 कलाकारों के प्रयास; नई संसद क्यों होगी खास

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नई दिल्ली : नए संसद भवन को संवारने की तैयारियां जोरों पर हैं, जिसका रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करने जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि नई इमारत में न केवल देश का सियासी भविष्य तय होगा, बल्कि यह हजारों सालों के इतिहास की गवाह भी बनेगी। संसद सदस्यों के अलावा आम नागरिक भी देश की संस्कृति और कला को जान सकेंगे। खास बात है कि भवन में तीन प्रवेश द्वार होंगे।

अधिकारियों ने बताया है कि 6 द्वार और सार्वजनिक रास्तों पर देश के अलग-अलग हिस्सों से लाकर सजाई गई कला की झलक मिलेगी। उन्होंने बताया कि देश में पूजे जाने वाले जानवरों के झलकियां भी यहां दिखाई देंगी। इनमें गरुड़, गज, अश्व और मगर शामिल हैं। कहा जा रहा है कि यहां तीन गैलरियां शामिल होंगी, जो भारत की ऐतिहासिक से आधुनिक दौर तक की यात्रा को दिखाएंगी। बताया जा रहा है कि 75 फीट ऊंचे पीतल के दो भित्ती चित्र भी होंगे। इनमें से एक पर भारतीय विरासत और संस्कृति को उकेरा जाएगा। वहीं, दूसरे पर समुद्र मंथन की कहानी सुनाई जाएगी। नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के पूर्व प्रमुख अद्वैत गणनायक बताते हैं कि संसद की नई इमारत में देश का इतिहास और 21वीं सदी की तस्वीर भी दिखाई जाएगी।

नए संसद को कला से सजाने में करीब 75 कलाकारों की मेहनत शामिल है। एक अधिकारी ने कहा, ‘सर्व धर्म संपन्न के आधार पर संसद में लगी कला भारत की आध्यात्मिक तस्वीर को दिखाएंगी।’

कहा जा रहा है कि नए संसद भवन में तीन नए द्वार भी शामिल हैं, जिसको ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार के नाम से जाना जाएगा। इसके अलावा संभावनाएं यह भी जताई जा रही हैं कि संसद की नई इमारत को नाम भी नया दिया जा सकता। हाल ही में सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ कर दिया था। भवन में महात्मा गांधी, भीमराव आंबेडकर, सरदार पटेल और चाणक्य की ग्रेनाइट की मूर्तिया लगाई जाएंगी।

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