ईटानगर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस समय अरुणाचल प्रदेश के प्रवास पर हैं, जिससे चीन पहले ही तिलमिलाया हुआ है. दरअसल, चीन इस इलाके पर अपना हक़ जताता रहा है और भारत उसे दो टूक कह चुका है कि, अरुणचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और आगे भी रहेगा. इसी तनातनी के बीच आज अमित शाह ने यहाँ एक जनसभा को संबोधित किया है. इस जनसभा में गृह मंत्री ने चीन को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि कोई भी हमारी सीमा पर आंख उठा कर नहीं देख सकता है. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि वह जमाना अब जा चुका है, जब भारत की धरती पर कोई भी अतिक्रमण कर सकता था. गौरतलब है कि, चीन ने गृह मंत्री के अरुणाचल दौरे पर भी आपत्ति जताई थी और इसे अपनी (चीन की) क्षेत्रीय सम्प्रभुता का उल्लंघन बताया था.
बता दें कि चीन ने हाल ही में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश के 11 जगहों के नाम बदले थे. इसके बाद दोनों देशों के बीच फिर से टकराव की स्थिति बन रही है. ऐसे में अमित शाह का अरुणाचल दौरा चीन के लिए एक बड़ा संकेत माना जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री के तेवर भी इस दौरान बहुत तेज तर्रार नज़र आ रहे हैं. अमित शाह ने अपने भाषण में कहा है कि 1962 की जंग में जो आए थे, उन्हें वापस लौटना पड़ा था, इसकी वजह यहां के लोगों की देशभक्ति है. शाह ने कहा कि भारत की सुई की नोक जितनी भूमि भी कोई नहीं ले सकता है.
अमित शाह ने इस दौरान भाजपा के अरुणाचल में किए गए काम गिनाते हुए कहा है कि 10 वर्ष पूर्व वह जमाना था कि यहां पर गांव खाली हो रहे थे, विकास नहीं था. मगर केंद्र की मोदी सरकार ने इन गांवों का ध्यान रखा और विकास को यहां तक पहुंचाया है. यह भारत के पहले गांव हैं जहां पर रोजगार पहुंचाने का कार्य भी मोदी सरकार ने किया था.