राजस्थान में करणी सेना अध्यक्ष हत्या मामले में सख्त कार्रवाई होगी : गृहमंत्री अनिल विज

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चंडीगढ़। गृहमंत्री अनिल विज ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जयपुर में हुई हत्या मामले में कहाकि यह गंभीर है। राजस्थान में सरकार बन रही है। भाजपा ने अपना एजेंडा बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी प्रकार की गुंडागर्दी राजस्थान में होने नहीं देगी। यकीनी तौर पर इस मामले में सख्त कार्रवाई होगी। अनिल विज ने कहाकि कांग्रेस हमेशा विभाजन की नीति अपनाती है और अब सोची-समझी साजिश के तहत कांग्रेस उत्तर भारत और दक्षिण भारत में दंगा कराना चाहती है।

विज आज पत्रकारों द्वारा कांग्रेस के सहयोगी दल डीएमके के सांसद द्वारा दिए गए बयान कि भाजपा गौमूत्र राज्यों में जीती है और दक्षिण भारत में उन्हें घुसने नहीं दिया जाएगा, के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। गृहमंत्री विज ने कहाकि कांग्रेस विभाजन की नीति करती है, पहले इन्होंने 1947 में हिंदु-मुस्लमानों में विभाजन कराकर कत्लेआम कराया, जिसमें दस लाख लोग मारे गए। अनेकों लोगों को बेघर होकर दूसरी जगह जाना पड़ा।

फिर इन्होंने 1984 में हिंदु-सिखों के दंगे करवाए जिनमें लगभग साढ़े तीन हजार लोग मारे गए। अब यह उत्तर भारत और दक्षिण भारत का दंगा कराना चाहते है, इसलिए यह इस प्रकार के बयान दे रहे हैं। हमने इनके बयानों में नहीं आना है, जनता सचेत है और जनता मिलजुलकर इकट्ठा व भाईचारे के साथ रहना चाहती है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग में फाइलों के अटकने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री विज ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री ने कहाकि वह इसका जल्द फैसला करेंगे और उन्हें उनकी बात पर पूरा यकीन है।

I.N.D.I.A गठबंधन एकजुट होकर नहीं चल सकताः
वहीं I.N.D.I.A गठबंधन की छह दिसंबर को प्रस्तावित बैठक टलने पर गृहमंत्री विज ने कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन के आपस में बहुत ज्यादा मतभेद हैं और रोज इनके अलग-अलग दलों के नाराजगी भरे बयान आ रहे हैं, हम नहीं समझते कि यह एकजुट होकर चल सकते हैं। यह गठबंधन आज भी गया और कल भी गया।

हरियाणा में हर केस पर हो रही एफआईआरः
दीपेंद्र हुड्‌डा के बयान कि हरियाणा में अपराध बढ़ रहा है जिस पर गृहमंत्री विज ने कहा कि इनके पास कहां से खबरें आती है यह पता नहीं। प्रदेश में हत्या मामलों में कमी आई है। हालांकि छोटे-मोटे केस बढ़े है क्योंकि हरियाणा में हर केस की एफआईआर दर्ज हो रही है। लगभग सौ एफआईआर वह रोज दर्ज हो रही है, उनके पास जो शिकायतें आती है उन पर भी वह एफआईआर दर्ज करने की स्तुति की जाती है। पहले एफआईआर दर्ज कराने के लिए लोगों को भागदौड़ करनी पड़ती थी और उनके जूते तक घिस जाते हैं।

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