देहरादून के अपर सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की कोर्ट ने गुरुवार को पति की हत्या के मामले में पत्नी समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट द्वारा दोषियों पर पचास-पचास हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना न देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।
सरकारी वकील नरेश बहुगणा ने बताया कि वारदात सहसपुर थाना क्षेत्र की है। 16 अक्टूबर 2015 को लक्ष्मीपुर निवासी मीरा ने अपने दोस्त और उसके साथी संग मिलकर अपने पति हरिकेश को जहर देकर मार डाला था। पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने खुद ही सहसपुर थाने में पति के लापता होने की तहरीर दी थी। महिला ने बताया था कि उसके पति हरकेश को 15 अक्टूबर की रात 8 बजे गेट से किसी ने आवाज लगाई। कहा गया कि उनके भाई का एक्सीडेंट हो गया है। इसके बाद वह व्यक्ति उसके पति को बाइक पर बिठा ले गया। सुबह पति नहीं लौटे तो उसने देवरानी शिवानी से बात की। शिवानी ने बताया कि उसके पति का कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ है।
महिला ने पुलिस को गुमराह करते हुए बताया कि जब पति का फोन बंद आया तो उसे अपहरण का शक हुआ। पुलिस ने की जांच की तो मामला अवैध संबंध का निकला। मीरा की दुकान पर हरीश निवासी लक्खनवाला सामान की सप्लाई करता था। बाद में उन दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए। इसके बाद उन दोनों ने अवैध संबंध में आड़े आ रहे हरिकेश को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। उन्होंने शुभम निवासी जसोवाला को भी इस काम में शामिल कर लिया।
मीरा ने दोनों संग मिलकर पति की जहर देकर हत्या कर दी और फिर उसकी लाश को भीमवाला के पास शक्ति नहर में फेंक दिया। पुलिस ने मीरा के घर से सल्फास, एल्युमिनियम रॉड और रैपर बरामद किए। शिवम की कार से शीशी, तीन पैकेट सल्फास भी मिले। लैब की रिपोर्ट में भी मौत जहर खाने से होना पाई गई। सबूतों को देखते हुए कोर्ट ने तीनों दोषियों को आजीवन कारावास सजा सुनाई।