‘हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का वादा कर सत्ता में आए, लेकिन रजाकारों के डर से पलट गए’, अमित शाह का KCR पर हमला
हैदराबाद। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को हैदराबाद मुक्ति दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने तेलंगाना, हैदराबाद-कर्नाटक और मराठवाड़ा के लोगों को बधाई देते हुए कहा- मैं शहीदों और बहादुर योद्धाओं को नमन करता हूं, जिन्होंने हैदराबाद का भारत में विलय कराने के लिए क्रूर निजाम के अत्याचारों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी.
इसके अलावा अमित शाह ने पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को सेवा दिवस के रूप में मनाते हुए हैदराबाद में दिव्यांग बच्चों, भाइयों व बहनों के साथ संवाद किया. उनके जीवन को सुगम बनाने वाले संसाधनों का वितरण किया. वैसे शाह का यह दौरा अहम माना जा रहा है क्योंकि तेलंगाना में अगले साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
अमित शाह ने आरोप लगाते हुए कहा- “…जब यह मांग की गई कि हैदराबाद मुक्ति दिवस को सरकार के अनुमोदन के साथ मनाया जाए, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 75 साल बीत जाने के बाद भी जो लोग यहां सरकार में थे, वे वोट बैंक की राजनीति के कारण हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने की हिम्मत नहीं कर सके. अमित शाह ने सीएम के चंद्रशेखर राव की ओर इशारा करते हुए कहा कि कई लोगों ने चुनाव और आंदोलन के दौरान इस दिन को मनाने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद वे ‘रजाकारों’ (निजाम शासन के सशस्त्र समर्थक) के डर से पीछे हट गए.”
अमित शाह ने कहा- “वे यह दिन मनाते हैं लेकिन इसे हैदराबाद मुक्ति दिवस नहीं कहते. मन में अभी भी डर है. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि उस डर को दूर करें. ‘रजाकार’ इस देश में निर्णय नहीं ले सकते हैं. इस देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं.”
अमित शाह ने कहा कि अगर सरदार पटेल नहीं होते तो हैदराबाद को आजाद होने में शायद और कई साल लग जाते और वह जानते थे कि जब तक निजाम के रजाकारों को नहीं हराया जा सकता, तब तक अखंड भारत का सपना पूरा नहीं होगा.उन्होंने कहा कि वह तेलंगाना के लोगों और उन लोगों को जो ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ नहीं मनाते, से कहना चाहता हूं कि हजारों शहीदों को श्रद्धांजलि नहीं देना उनके साथ विश्वासघात है.
अमित शाह ने कहा कि ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाने का मकसद आजादी के संघर्ष की कहानी को युवा पीढ़ी तक ले जाना है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में मुक्ति संग्राम पर शोध होना चाहिए. उन्होंने इस मौके पर सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एसवीपीएनपीए) में शहीद स्मारक का दौरा कर कोमराम भीम, रामजी गोंड, स्वामी रामानंद तीर्थ, पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, एम चेन्ना रेड्डी और स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले कई अन्य लोगों को श्रद्धांजलि दी.