‘ईसाई समुदाय के साथ मेरा बहुत पुराना नाता’, क्रिसमस समारोह में बोले प्रधानमंत्री मोदी

0 140

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को क्रिसमस (Christmas 2023) के मौके पर अपने आधिकारिक आवास पर ईसाई समुदाय के लोगों से संवाद किया और कहा कि उनके साथ उनका बहुत पुराना और आत्मीय नाता रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि विकास का फायदा हर किसी तक पहुंचे और कोई इससे अछूता ना रहे। उन्होंने कहा, ‘‘ईसाई समुदाय के लोगों तक, विशेषकर गरीबों और वंचितों तक भी आज देश में हो रहे विकास का लाभ पहुंच रहा है।”

प्रधानमंत्री ने मत्स्य पालन मंत्रालय बनाए जाने के अपने कदम को याद करते हुए कहा कि ईसाई समुदाय ने इसकी सार्वजनिक रूप से सराहना की थी और उनका सम्मान भी किया था। उन्होंने कहा, ‘‘क्रिसमस के इस अवसर पर मैं देश के क्रिश्चियन समुदाय के लिए एक बात जरूर कहूंगा। देश के लिए आपके योगदान को भारत गर्व से स्वीकार करता है। ईसाई समुदाय ने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस यात्रा में ईसाई समुदाय के कई विचारक भी शामिल थे जिनमें एक थे स्टीफंस कॉलेज सुशील कुमार रुद्र, जिनके बारे में स्वयं महात्मा गांधी ने बताया था कि असहयोग आंदोलन की प्रेरणा उन्हीं की छत्रछाया में प्राप्त हुई थी। उन्होंने कहा, ‘‘ईसाई समुदाय ने समाज को दिशा देने में निरंतर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समाज सेवा में यह समुदाय बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता है। गरीब और वंचितों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहता है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज भी पूरे भारत में ईसाई समुदाय के संस्थान बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने इस संवाद के दौरान ईसाइयों के साथ अपने पुराने और आत्मीय संबंधों को याद किया और कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब ईसाई समुदाय के गुरुओं से मिला करते थे। उन्होंने बताया कि वह जिस मणिनगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया करते थे वहां अच्छी ख़ासी संख्या में ईसाई रहते थे। मोदी ने कहा कि ईसा मसीह का जीवन संदेश करुणा और सेवा पर केंद्रित था और उन्होंने एक समावेशी समाज के लिए काम किया जहां न्याय सभी के लिए हो। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश की विकास यात्रा में यही मूल्य एक मार्गदर्शक की तरह हमें रास्ता दिखा रहे हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी दर्शन के स्रोत माने जाने वाले उपनिषदों ने भी बाइबिल की तरह पूर्ण सत्य को साकार करने पर ध्यान केंद्रित किया है। मोदी ने कुछ साल पहले ‘द होली पोप’ से हुई मुलाकात का उल्लेख किया और कहा कि यह उनके जीवन का एक बहुत ही यादगार पल था। प्रधानमंत्री ने बताया कि पोप से उन्होंने इस धरती को बेहतर जगह बनाने के लिए सामाजिक सौहार्द, वैश्विक भाईचारे, जलवायु परिवर्तन और समावेशी विकास जैसे कई विषयों पर लंबे समय तक चर्चा की थी। क्रिसमस पर उपहार देने की परंपरा का जिक्र कर उन्होंने कहा कि इस अवसर पर यह विचार किया जाना चाहिए कि कैसे आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर धरती का उपहार दिया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार के ‘वोकल फोर लोकल’ अभियान में भी ईसाई समुदाय से बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की। उन्होंने कामना की कि यह त्योहार एक राष्ट्र के रूप में देश को और मजबूत करे, सभी देशवासियों को और करीब लाएं, हमारी विविधता में भी हमें एकजुट रखने वाले बंधन को मजबूत करे। इससे पहले प्रधानमंत्री ने देशवासियों को क्रिसमस की बधाई दी।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सभी को क्रिसमस की शुभकामनाएं! मेरी कामना है कि त्योहारों का यह मौसम सभी के लिए खुशी, शांति और समृद्धि लेकर आए।” उन्होंने कहा, ‘‘आइए! सद्भाव और करुणा की भावना का जश्न मनाएं जो क्रिसमस का प्रतीक है और एक ऐसी दुनिया की दिशा में काम करें जहां हर कोई खुश और स्वस्थ हो। हम प्रभु मसीह की महान शिक्षाओं को भी याद करते हैं।”

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.