वियना: अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख ने सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एजेंसी जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (जेडएनपीपी) में पिछले महीने लगी आग के कारणों का पता लगाने के लिए जांच जारी रखेगी।
आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने गुरुवार को जेडएनपीपी के अपने दौरे के बाद एक बयान में कहा,”हम इस मामले की बारीकी से जांच करते रहेंगे, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या हुआ था और इसके क्या परिणाम होंगे।” उन्होंने जेडएनपीपी का दौरा करने के दौरान 11 अगस्त को आग से क्षतिग्रस्त हुए कूलिंग टावर का भी निरीक्षण किया था। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, रूस और यूक्रेन ने इस घटना के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया है। रूस ने यूक्रेन पर ड्रोन हमले का आरोप लगाया, जबकि यूक्रेन ने कहा कि रूस की लापरवाही या आगजनी इसका कारण है।
ग्रॉसी ने कहा कि उन्होंने कूलिंग टॉवर के अंदर आंतरिक दीवारों, मलबे और काली पड़ चुकी सतहों को देखा है। इससे स्पष्ट होता है कि कूलिंग टॉवर को आग से नुकसान पहुंचा है और इसे ध्वस्त करने की आवश्यकता हो सकती है।” आईएईए प्रमुख ने कहा कि हालांकि आग से जेडएनपीपी में परमाणु सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है, लेकिन इसने संयंत्र में सुरक्षा संबंधी खतरे की चिंता बढ़ा दी है। ग्रॉसी ने परमाणु दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आईएईए की प्रतिबद्धता भी दोहराई। इस सप्ताह यूक्रेन की अपनी यात्रा के दौरान, ग्रॉसी ने कीव में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की और देश की महत्वपूर्ण ऊर्जा अवसंरचना की रक्षा के लिए यूक्रेन को आईएईए की ओर से मदद का वचन दिया।
ग्रॉसी ने मंगलवार को कीव में जेलेंस्की से मुलाकात की और कहा कि ज़ापोरिज्जिया मामला “बहुत नाजुक” हैं। बता दें कि संयंत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर नजर बनाए रखने के लिए आईएईए निरीक्षक 2022 के मध्य से ही तैनात हैं। आईएईए प्रमुख ने पिछले सप्ताह दक्षिणी रूस में कुर्स्क परमाणु संयंत्र का दौरा किया था और कहा था कि वहां परमाणु दुर्घटना का खतरा है, क्योंकि यूक्रेनी सेना ने पिछले महीने कुर्स्क क्षेत्र में घुसपैठ की थी।