नई दिल्ली : इंग्लैंड क्रिकेट टीम मौजूदा समय में भारत का दौरा कर रही है। इस दौरे पर टीम को पांच टेस्ट मैच खेलने हैं। इसका तीसरा टेस्ट मैच राजकोट में खेला जा रहा है। उसी बीच इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। इंग्लैंड क्रिकेट को बड़ा झटका लगा है और उनके एक क्रिकेटर पर साढ़े 17 साल का बैन आईसीसी ने लगाया है। इस क्रिकेटर को मैच फिक्सिंग का दोषी पाया गया है। कुल आठ क्रिकेटरों पर आरोप लगे थे जिसमें से एक इंग्लैंड का भी यह क्रिकेटर था और आईसीसी ने अपनी जांच में उसे अन्य खिलाड़ियों को तीन अलग-अलग मौकों पर फिक्सिंग के लिए गिफ्ट देने का ऑफर दिए जाने का आरोपी बताया गया है।
लंदन के क्लब क्रिकेटर रिजवान जावेद को अबु धाबी टी10 क्रिकेट लीग के दौरान मैच फिक्सिंग का दोषी पाया गया था। यह मामला 2021 का बताया जा रहा है। आईसीसी ने अपनी जांच में यह पाया कि रिजवान ने तीन मौकों पर अन्य खिलाड़ियों को मैच फिक्सिंग करने के लिए गिफ्ट्स ऑफर किए थे। उनको अपने इस कृत्य के लिए आईसीसी ने करप्शन और मैच फिक्सिंग का दोषी पाया। इस कारण उनके ऊपर अब साढ़े 17 सालका बैन लग गया है। पिछले साल सितंबर में यह आरोप लगे थे।
रिजवान जावेद के साथ बांग्लादेश के इंटरनेशनल प्लेयर नासिर हुसैन को भी इसका दोषी पाया गया था। हुसैन के ऊपर दो साल का बैन लगा था। इस मामले पर आईसीसी के जनरल मैनेजर इंटेग्रिटी एलेक्स मार्शल ने कहा कि रिजवान जावेद के ऊपर इतना लंबा बैन इस कारण लगाया गया है क्योंकि उन्होंने बार-बार अपनी इस हरकत को दोहराया था। इस बैन को इसलिए भी सैंक्शन किया गया ताकि ऐसा करने वाले और लोगों को एक साफ मैसेज जाए कि किसी भी लेवल पर क्रिकेट में इस तरह की गलत चीजों को जगह नहीं मिलेगी।
इन 5 मामलों में बने दोषी
Article 2.1.1 – अबु धाबी टी10 लीग 2021 के मैच को फिक्स करने वाली पार्टी होने का आरोप।
Article 2.1.3 – दूसरे खिलाड़ियों को मैच फिक्स करने के लिए गिफ्ट देने का आरोप।
Article 2.1.4 – अन्य खिलाड़ियों को मैच फिक्सिंग के लिए उकसाने का आरोप।
Article 2.4.4 – DACO को इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं देने का आरोप।
Article 2.4.6 – DACO की जांच में साथ नहीं देने और कॉपरेट नहीं करने का भी लगा आरोप।