Chandrayaan-3 Mission: लैंडिंग सफल न रही तो… ISRO के पास प्‍लान-B भी तैयार

0 145

Chandrayaan-3 Mission:भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO को चंद्रयान-3 से बड़ी उम्मीदें जुड़ी हैं। चंद्रयान-3 मिशन अपने आखिरी चरण में है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो यह 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। वहीं चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को लेकर ISRO के पूर्व सलाहकार डॉ. सुरेंद्र पाल ने कहा कि विक्रम लैंडर रफ लैंडिंग को झेल सकता है। इस बार ISRO ने चंद्रमा पर विक्रम लैंडर की लैंडिंग की पूरी तैयारी कर ली है। अनुभव के दम पर ISRO वैज्ञानिक इस बार आत्मविश्वास से भरे हैं। अगर 23 अगस्त को सब कुछ योजना के मुताबिक नहीं हुआ तो भी ISRO ने लैंडिंग की तारीख 27 अगस्त तक टालने का प्लान बी भी तैयार किया है।

डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि चंद्रमा पर Chandrayaan-3 लैंडिंग के लिए 2 से 5 किलोमीटर का क्षेत्र देखा जा रहा है। चूंकि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं, इसलिए लैंडिंग के लिए किसी सपाट सतह की तलाश की जा रही है। विक्रम लैंडर के पैर इतने मजबूत हैं कि यह कुछ कठिन लैंडिंग को भी झेल सकता है।

विक्रम लैंडर 25 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा पर उतरने के लिए अपनी यात्रा शुरू करेगा। अगले चरण तक पहुंचने में इसे करीब 11.5 मिनट का समय लगेगा। यानी 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई तक। 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचने तक इसकी गति 358 मीटर प्रति सेकंड होगी। अगला पड़ाव 6.8 किलोमीटर होगा। 6.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर गति घटकर 336 मीटर प्रति सेकंड रह जाएगी। अगला स्तर 800 मीटर होगा। 800 मीटर की ऊंचाई पर, लैंडिंग के लिए सही जगह ढूंढने के लिए लैंडर के सेंसर चंद्रमा की सतह पर लेजर किरणें छोड़ेंगे।

150 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की गति 60 मीटर प्रति सेकंड होगी। यानी 800 से 150 मीटर की ऊंचाई के बीच 60 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की गति 40 मीटर प्रति सेकंड होगी। यानी 150 से 60 मीटर की ऊंचाई के बीच. 10 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की गति 10 मीटर प्रति सेकंड होगी। चंद्रमा की सतह पर उतरते समय यानी सॉफ्ट लैंडिंग के लिए लैंडर की गति 1.68 मीटर प्रति सेकंड होगी।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.